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बाबा लक्खा सिंह, जिनके फॉर्मूले पर किसानों और सरकार में बन सकती है बात

शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच एक और दौर की बातचीत होनी है. किसानों का कहना है कि वो कानून वापस होने तक नहीं हटेंगे. इस विवाद के बीच गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नानकसर गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा लक्खा सिंह से मुलाकात की.

कृषि मंत्री ने गुरुवार को की मुलाकात कृषि मंत्री ने गुरुवार को की मुलाकात
aajtak.in
  • नई दिल्ली.,
  • 08 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST
  • किसानों और सरकार में आज बातचीत
  • बीते दिन लक्खा सिंह से मिले कृषि मंत्री

कृषि कानूनों के मसले पर किसानों का आंदोलन पिछले सवा महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा है. शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच एक और दौर की बातचीत होनी है. किसानों का कहना है कि वो कानून वापस होने तक नहीं हटेंगे. इस विवाद के बीच गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नानकसर गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा लक्खा सिंह से मुलाकात की.

बाबा लक्खा सिंह ने इस दौरान किसानों के आंदोलन का मुद्दा कृषि मंत्री के सामने उठाया. साथ ही दोनों पक्षों के बीच में समझौता करवाने की पेशकश की. 

क्या फॉर्मूला बताया गया?
बाबा लक्खा सिंह ने सरकार से कहा है कि वो दोनों पक्षों में समझौता करवाने के लिए तैयार हैं. हालांकि, केंद्र सरकार को कृषि कानून लागू करने की ताकत राज्य सरकारों के हाथ में देनी चाहिए. कृषि का मसला राज्य का ही मामला है. 

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हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस दौरान साफ किया कि सरकार किसानों की अधिकतर मांगें मान चुकी है और अन्य मांगों को भी मानने को तैयार है. लेकिन सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी, अगर सरकार ने अपनी ओर से कुछ कदम उठाए हैं तो किसानों को भी ऐसा ही करना चाहिए.

कौन हैं बाबा लक्खा सिंह?
आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में कई नानकसर गुरुद्वारे हैं. सभी गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटी के प्रमुख बाबा लक्खा सिंह ही हैं, जिनकी सिख समुदाय में काफी पहुंच है. ऐसे में उनकी ओर से सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता की कोशिश की गई है.

केंद्र सरकार की ओर से अबतक कई बार किसानों के साथ बातचीत की जा चुकी है. इसके अलावा कृषि मंत्री से भी कई राज्यों के अलग-अलग किसान संगठनों ने मुलाकात की है. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि शुक्रवार की चर्चा में किसान उनके प्रस्ताव को मानेंगे. दूसरी ओर किसानों ने भी 26 जनवरी को एक बार बड़ी ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही है. 

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