
ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद किसान आंदोलन को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस बीच किसान संगठनों द्वारा 1 फरवरी को संसद तक मार्च का जो ऐलान किया गया था, उसे अब रद्द किया जा सकता है. बुधवार को हो रही किसान संगठनों की बैठक में इसपर फैसला हो सकता है.
किसान संगठनों द्वारा पहले ऐलान किया गया था कि एक फरवरी को सभी किसान प्रदर्शन स्थल से संसद तक मार्च करेंगे. बता दें कि एक फरवरी को ही संसद में बजट पेश किया जाता है. किसान संगठनों ने ऐलान किया था कि हजारों की संख्या में किसान पैदल ही प्रदर्शन स्थल से संसद भवन तक मार्च करेंगे.
गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद बुधवार को सभी किसान संगठन बड़ी बैठक कर रहे हैं. जिसमें आंदोलन को आगे किस तरह से बढ़ाया जाए, उसपर मंथन होना है.
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गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान संगठनों ने पहले ट्रैक्टर मार्च निकालने की बात कही थी. कई दौर की बैठकों के बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ ही रूट पर किसानों को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी, तब किसानों ने शांति के साथ मार्च का भरोसा दिया था.
लेकिन मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में काफी उत्पात हुआ. दिल्ली के आईटीओ, नांगलोई, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर समेत अन्य इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की, पुलिस के साथ संघर्ष भी हुआ.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बीते दिन की हिंसा में करीब तीन सौ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. अबतक इस मामले में कुल दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि दो सौ से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.