
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में निकली किसानों की ट्रैक्टर परेड में जमकर हिंसा हुई. दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में उपद्रवियों ने हुड़दंग मचाया, तो अब दिल्ली पुलिस एक्शन लेने में भी जुटी है. इस सबके बीच बीते दिन संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से हिंसा को लेकर सफाई दी गई और माफी भी मांगी गई.
बुधवार को किसान नेताओं ने जब साझा रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसी दौरान किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा, “हमारे आंदोलन में कुछ लोग घुस गए, जिनको वक्त रहते हमें देखना था. हमसे कहीं ना कहीं, चूक हुई है.’’
आपको बता दें कि बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई, जिसमें हिंसा को लेकर मंथन हुआ और आंदोलन को लेकर बात हुई. संयुक्त किसान मोर्चा ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि हिंसा जो भी हुई है, उससे हर कोई दुखी है. तिरंगा हम सभी की शान है, जिस व्यक्ति ने तिरंगे का अपमान किया है उसपर बड़ा एक्शन होना चाहिए.
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं. दो किसान संगठनों ने आंदोलन से खुद को हटाया है, दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने खुद को हटा लिया है. इसी संकट के बीच किसान संगठनों ने एक फरवरी को निकलने वाले संसद मार्च को रद्द कर दिया है.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने हिंसा से खुद को अलग किया और बयान दिया कि हम हमेशा देश के लिए काम करते रहेंगे. सरकार ने 26 जनवरी को लेकर साजिश रची, जिसकी तस्वीरें आज हर किसी के सामने आ रही हैं. किसान नेताओं ने साफ किया कि किसानों का आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.
गौरतलब है कि दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस का एक्शन जारी है. बीते दिन दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिसमें राकेश टिकैत समेत अन्य कई किसान नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगा.