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सरकार संग बातचीत से पहले आज किसानों का शक्ति प्रदर्शन, KMP एक्सप्रेस वे पर ट्रैक्टर मार्च

किसान संगठनों की ओर से 26 जनवरी के दिन दिल्ली के राजपथ पर ट्रैक्टर परेड की चेतावनी दी गई है. किसान संगठनों ने कहा है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसान परेड निकलेगी, इसकी झांकी 7 तारीख को केएमपी एक्सप्रेस-वे पर देखने को मिलेगी.

सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान (फोटो-पीटीआई) सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान (फोटो-पीटीआई)
अनीषा माथुर/पॉलोमी साहा/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:49 AM IST
  • सरकार से बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन
  • गुरुवार को KMP एक्सप्रेस वे पर ट्रैक्टर मार्च
  • 8 जनवरी को किसानों और सरकार की 9वें दौर की वार्ता

आठ जनवरी को सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की वार्ता से पहले 7 जनवरी को किसान शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं. देश में किसानों का आंदोलन 42वें दिन में प्रवेश कर चुका है. सरकार और किसानों के बीच 8 राउंड की वार्ता फेल हो चुकी है, अब सबकी नजरें 8 जनवरी की वार्ता पर है. किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं. सरकार MSP को जारी रखने को लेकर कई बार भरोसा दिला चुकी है, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं है. किसानों की एक सूत्री मांग नए कृषि कानूनों को रद्द करने की है. 

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केएमपी एक्सप्रेस वे पर ट्रैक्टर यात्रा

7 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसानों की ट्रैक्टर यात्रा निकलेगी. ये ट्रैक्टर यात्रा कुंडली मानेसर पलवल यानी कि केएमपी एक्सप्रेस वे पर निकाली जाएगी. 

यह ट्रैक्टर यात्रा ईस्टर्न पेरिफेरल रोड पर दुहाई, डासना बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल जाएगी और वहां से वापस आएगी. इस दौरान बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन 12:00 बजे दिन से सायं 3:00 तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, इनको डाइवर्ट किया जाएगा. इसी प्रकार सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन 2:00 बजे से 5:00 बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा. 

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किसान संगठनों का कहना है कि अगर 8 जनवरी की बैठक में कृषि कानून को रद्द करने की मांग नहीं मानी गई तो 9 जनवरी को कृषि कानून की प्रतियां जलाने की तैयारी है. साथ ही 9 जनवरी से ही हरियाणा में किसान संगठन घर-घर जाकर लोगों से संपर्क अभियान शुरू करेंगे. 

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एक साथ निकलेंगे चार जत्थे

किसान संगठनों के मुताबिक गुरुवार सुबह 11 बजे चार जत्थे एक साथ रवाना होंगे. पहला जत्था सिंधु बॉर्डर से टिकरी बॉर्डर की तरफ जाएगा. दूसरा जत्था टिकरी बॉर्डर से कुंडली की तरफ जाएगा. यह दोनों जत्थे सांपला और कुंडली के मिड प्वाइंट को छूकर वापस अपने शुरुआती बिंदु पर पहुंच जाएंगे.

तीसरा जत्था गाजीपुर से पलवल की तरफ जाएगा. चौथा जत्था रेवासन से पलवल की तरफ जाएगा. यह दोनों जत्थे पलवल से वापस अपने प्रस्थान बिंदु पर वापस आ जाएंगे. 

किसानों ने कल के ट्रैक्टर यात्रा की हाईटेक तैयारी की है. जत्थों का गूगल लोकेशन का पता भी दिया गया है ताकि रास्ते में पड़ने वाले गांव कस्बों के किसान भी साथ आ सकें. इसके अलावा दिल्ली में जमे किसानों को भी किसान जत्थों के सफ़र की पल पल की जानकारी मिलती रहे. इसके अलावा हरेक जत्थे में एक दो प्रभावशाली और जिम्मेदार किसान नेताओं को संपर्क सूत्र बनाते हुए उनके मोबाइल नम्बर भी सार्वजनिक किए गए हैं.  

26 जनवरी के किसान परेड की झांकी

किसान संगठनों ने 26 जनवरी के दिन दिल्ली के राजपथ पर ट्रैक्टर परेड की चेतावनी दी है. किसान संगठनों ने कहा है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसान परेड निकलेगी इसकी झांकी 7 तारीख को केएमपी एक्सप्रेस-वे पर देखने को मिलेगी. 

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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन को देश भर में समर्थन मिल रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार ओडिशा, बिहार, झारखंड और राजस्थान में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए गए. गुजरात से किसान नेता जेके पटेल की गिरफ्तारी की सयुंक्त किसान मोर्चा कड़ी निंदा करता है. 

किसान संगठनों ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भारत दौरा रद्द करना मोदी सरकार की कूटनीतिक हार और किसानों की राजनैतिक जीत है. किसानों को घर छोड़े 40 से ज्यादा दिन हो गए है और 80 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं. दुनिया भर के राजनैतिक और सामाजिक संगठन इस आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं पर मोदी सरकार के किसान विरोधी रवैये को देखते हुए किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में शांतिपूर्ण 'किसान गणतंत्र परेड' की घोषणा की और उसके रिहर्सल के लिए 7 जनवरी को KMP रोड पर ट्रेक्टर मार्च रखा है.

प्रदर्शन स्थल पर वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था

बारिश और ठंड को मद्देनजर रखते हुए किसानों द्वारा वाटर प्रूफ टेंट और अन्य व्यवस्थाएं जारी है. किसानों ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर पूरे पंडाल में वाटर प्रूफ टेंट और प्रकाश की व्यवस्था की गई. टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने पक्के मोर्चे कायम रखने के साथ साथ लाइब्रेरी, फिल्म स्क्रीनिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जन भागीदारी की गतिविधियां जारी रखी हुई है.

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