
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के पास पॉइंट जीरो पर आज (4 दिसंबर) किसान संगठन बड़ा प्रदर्शन करने जा रहे हैं. इस प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कर रहे हैं. महापंचायत में कई किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे. इस बार का प्रदर्शन नोएडा के आंदोलनकारी किसानों की मांगों को लेकर है. इन्हें हाल ही में नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल से जबरदस्ती हटाया गया था.
उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन की आग एक बार फिर से भड़कती नजर आ रही है. किसान नेता राकेश टिकैत ने दावा किया है कि उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मथुरा के पास टप्पल में रोका गया है. वे अलीगढ़ से ग्रेटर नोएडा में चल रहे किसान प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे.
किसानों के इस बड़े प्रदर्शन के कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है. इसे देखते हुए नोएडा पुलिस ट्रैफिक को लेकर लगातार अपडेट दे रही है. ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी परी चौक, चिल्ला बॉर्डर, नोएडा के सेक्टर-62 और सेक्टर 93 (नोएडा–ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस–वे) के साथ-साथ अलग-अलग जगहों पर ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे हैं.
सिसौली की महापंचायत में फैसला
किसानों की महापंचायत को लेकर एक दिन पहले (3 दिसंबर) मुजफ्फरनगर के सिसौली में एक इमरजेंसी बैठक की गई. दरअसल, सिसौली भारतीय किसान यूनियन का मुख्यालय भी है. बैठक की अध्यक्षता यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने की. बैठक में यह फैसला लिया गया कि यूपी के 18 जोन में से 5 जोन के किसान ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन करेंगे. ये जोन सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा और मुरादाबाद हैं. बाकी जोन के किसान अपने-अपने स्थानों पर प्रदर्शन कर स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे.
किन रास्तों का कर सकते हैं इस्तेमाल
> सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन मार्ग
> नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे
> नोएडा सेक्टर-62 तिराहा
आज अल्टीमेटम दे सकते हैं किसान
दरअसल, 2 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों किसानों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के खिलाफ दिल्ली कूच कर दिया था. इस दौरान नोएडा से दिल्ली जाने वाली सड़कों पर जाम लग गया था. हालांकि, उन्हें दलित प्रेरणा स्थल पर ही रोक दिया गया था. इस मुद्दे पर अधिकारियों ने मुख्य सचिव स्तर की बातचीत का आश्वासन दिया था, लेकिन किसान आज एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर अल्टीमेटम दे सकते हैं.
किन मांगों को लेकर हो रहा प्रदर्शन
किसानों की दो मुख्य मांगें हैं. पहली, अधिग्रहित जमीन का 10% हिस्सा उन्हें पूर्ण रूप से विकसित करके दिया जाए. दूसरी, 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत उन्हें उचित मुआवजा प्रदान किया जाए. ग्रेटर नोएडा की मीटिंग में आज किसान आगे की रणनीति पर विचार करेंगे.