संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को हमलोग महिला किसान दिवस के रूप में मना रहे हैं. इस दिन देशभर की महिलाओं से दिल्ली बॉर्डर्स पर पहुंचने की अपील की जाती है. साथ ही महिला संगठनों से अपील की जाती है कि वे अपने अपने मंच से ही महिला किसान दिवस मनाएं. किसान नेताओं ने शनिवार को कहा कि प्रदर्शनकारी संगठन तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की अपनी मांग पर अडिग हैं. हालांकि वे सरकार के साथ वार्ता को तैयार हैं, लेकिन बातचीत बिना शर्त होनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर स्थित राजकीय इंटर कॉलिज के मैदान में हिन्द मजदूर किसान समिति की एक जनसभा का आयोजन किया गया था. इस जनसभा में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और चंद्रमोहन महाराज ने हिस्सा लिया और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 11 फीट ऊंची मूर्ति का जलाभिषेक किया. इस दौरान संजीव बालियान ने मजदूरों और किसानो को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि जिस दिन इस देश का कोई भी उद्योगपति एक भी किसान की जमीन छीन लेगा, तो संजीव बालियान पहला व्यक्ति होगा जो अपने पद से इस्तीफा देकर अपने गांव मे वापसी करेगा. क्योंकि इस देश में किसान की जमीन छीनने की किसी की हिम्मत नहीं है.
कुंडली एक्सप्रेसवे को जाने वाले डासना टोल पर एंट्री पुलिस प्रशासन ने बंद की, फिर भी किसानों का एक जत्था पहुंचने में कामयाब रहा. गाज़ीपुर किसान आंदोलन के प्रवक्ता जगतार सिंह ने कहा कि 100 दिन से कोई हल नहीं निकल रहा है. ऐसे में सरकार ही बताएं कि हम क्या करें जिससे कि कोई हल निकले.
लखनऊ में किसान प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की. उत्तर प्रदेश के बुढ़ाना, मुजफ्फरनगर से विधायक उमेश मलिक के नेतृत्व में आए खाप किसान पंचायत के किसानों ने मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी से बातचीत की.
मुजफ्फरनगर में आज किसानों की ट्रैक्टर रैली होनी है. इसमें किसान नेता राकेत टिकैत हिस्सा लेंगे. कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली रामराज से चलेगी.
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मुजफ्फरनगरः GIC मैदान पर कृषि कानून के समर्थन में किसानों की पंचायत
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किसान नेता धीरज सिंह ने कहा, "हमारा विरोध शांतिपूर्ण होगा और किसी भी व्यक्ति या संपत्ति को कोई नुकसान नहीं होगा. केएमपी एक्सप्रेसवे पर चक्का जाम सुबह 11 बजे शुरू होगा और 3 बजे तक खत्म हो जाएगा. यह उन तीन कृषि बिलों के विरोध का प्रतीक है जो हम चाहते हैं कि निरस्त किया जाए.''
दिल्ली बॉर्डर के साथ साथ मध्य प्रदेश के छतरपुर में भी 87 दिनों से किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है. पुलिस प्रशासन ने अब तक उन्हें न तो टेंट लगाने की अनुमति दी ही और न ही कोई अन्य सहायता प्रदान की. यहां 3 और 4 मार्च को महापंचायत आयोजित की गई जिसके बाद टेंट लगाने की अनुमति दी गई है.
किसानों का आंदोलन शनिवार को 100वें दिन में प्रवेश कर रहा है. किसान संगठनों ने अपने 100वें दिन के विरोध प्रदर्शन को दर्ज कराने के लिए कुंडल मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे को जाम करने की योजना बनाई है. अब तक, सरकार के साथ हुई सभी बैठकें और बातचीत निरर्थक रहीं हैं. किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.