Advertisement

MSP- केस वापसी पर सरकार से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किए 5 नाम

संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को अहम बैठक हुई. इस बैठक में किसानों की कमेटी के लिए 5 नामों पर सहमति बन गई है. अब किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी.

श्रेया चटर्जी/सुशांत मेहरा/अमित भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:50 PM IST
  • सरकार से बातचीत के लिए बनाई गई कमेटी
  • कमेटी में 5 सदस्य, किसानों के मुद्दों पर सरकार से करेंगे बात

संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को अहम बैठक हुई. इस बैठक में किसान संयुक्त मोर्चा ने एमएसपी, किसानों से केस वापसी जैसे मुद्दों पर सरकार से बातचीत के लिए 5 सदस्यों की कमेटी बनाई है. किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी.

इस कमेटी में युद्धवीर सिंह, शिव कुमार कक्का, बलबीर राजेवाल, अशोक धवाले, गुरनाम सिंह चढ़ूनी को शामिल किया गया है. यह कमेटी सरकार से बातचीत के लिए बनाई गई है.

Advertisement

यही कमेटी सरकार से करेगी बातचीत
वहीं, इस फैसले को लेकर राकेश टिकैत ने कहा, यह संयुक्त किसान मोर्चा की हेड कमेटी होगी. जो सभी महत्वपूर्ण फैसले लेगी. अभी तक सरकार ने आधिकारिक तौर पर बातचीत के लिए नहीं बुलाया है. अगर बातचीत के लिए बुलाया जाता है, तो यही 5 लोग बातचीत के लिए जाएंगे. 

राकेश टिकैत ने एक बार फिर दोहराया कि अभी आंदोलन खत्म नहीं होगा. टिकैत ने कहा, हम कहीं नहीं जा रहे. किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी. 

ये बातचीत के लिए कमेटी-योगेंद्र यादव 
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा बनाई गई पांच सदस्यों की कमेटी का मकसद सरकार से सिर्फ अपनी मांगों को लेकर के बातचीत करना है न कि केंद्र सरकार की तरफ से जो 5 सदस्यों की कमेटी एमएसपी को बनाने के लिए दी गई थी, उनसे इसका कोई लेना देना नहीं है, जब तक किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं होंगे उनको मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन वापस नहीं होगा. 7 तारीख को इस पर दोबारा बैठक होगी. 

702 मृतक किसानों की लिस्ट सौंपी
संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर शनिवार को बैठक हुई. इस बैठक से किसान मोर्चा की तरफ से आंदोलन के दौरान शहीद हुए 702 किसानों की लिस्ट कृषि सचिव को सौंपी गई. बैठक में एमएसपी और किसानों पर दर्ज केस वापस लेने को लेकर बातचीत हुई. साथ ही इस बात का भी फैसला हुआ कि आंदोलन अभी खत्म किया जाए, या जारी रहेगा.  

Advertisement

दरअसल, कुछ किसान संगठन कृषि कानून वापस होने के बाद से घर वापसी के समर्थन में हैं. जबकि राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि जब तक एमएसपी और किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं हो जाते, शहीद किसानों को मुआवजा नहीं मिला, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement