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125 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसान अब संसद कूच करेंगे, क्या है उनका पूरा प्लान, जानें

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को चार महीने से ज्यादा बीत चुके हैं. सीमाओं पर बैठे किसान अब संसद के बाहर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि मई के पहले पखवाड़े में संसद की तरफ किसान कूच करेंगे.

सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन करता एक किसान (फाइल फोटो-PTI) सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन करता एक किसान (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:38 AM IST
  • मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच करेंगे किसान
  • 5 अप्रैल को FCI बचाओ दिवस मनाया जाएगा

खेती से जुड़े तीन कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को बुधवार को 125 दिन पूरे हो गए. इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें आगे के प्लान के बारे में बताया. प्लान के मुताबिक, किसान संसद की तरफ भी कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, संसद में किसान कब प्रदर्शन करेंगे, इसकी तारीख अभी आई नहीं है, लेकिन किसानों का कहना है कि मई के पहले पखवाड़े में संसद की तरफ कूच किया जाएगा. मतलब साफ है किसान अब सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे हैं. 

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संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, संसद कूच के दौरान उनके साथ महिलाएं, बेरोजगार युवा समेत समाज का हर तबका शामिल होगा. ये कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा. जिस दिन संसद पर प्रदर्शन किया जाएगा, उस दिन किसान अपने गांव-शहरों से दिल्ली के बॉर्डर तक पहुंचेंगे. इसके बाद दिल्ली की कई सीमाओं तक पैदल मार्च किया जाएगा. ये सब मई के पहले पखवाड़े यानी 15 मई से पहले होगा. हालांकि, इसकी तारीख नहीं बताई है.

और क्या है किसानों का प्लान?

  • 5 अप्रैल: फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) बचाओ दिवस मनाया जाएगा. इस दिन देशभर में FCI के दफ्तरों का घेराव होगा.
  • 10 अप्रैल: 24 घंटों के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) को ब्लॉक किया जाएगा.
  • 13 अप्रैल: वैशाखी के त्यौहार दिल्ली की सीमाओं पर ही मनाया जाएगा.
  • 14 अप्रैल: डॉ. अंबेडकर की जयंती पर संविधान बचाओ दिवस मनाया जाएगा.
  • 1 मई: दिल्ली की बॉर्डर पर ही मजदूर दिवस मनाएंगे. इस दिन सभी कार्यक्रम मजदूर-किसान एकता को समर्पित होंगे.

पिछले 4 महीने से चल रहा है किसान आंदोलन
पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े तीन कानून लागू किए थे. इन्हीं तीन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. किसान और सरकार के बीच 11 बार बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी. किसान चाहते हैं कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करे और MSP पर गारंटी का कानून लेकर आए. लेकिन सरकार का कहना है कि वो कानूनों को वापस नहीं ले सकती. अगर किसान चाहते हैं, तो उनके हिसाब से इसमें संशोधन किए जा सकते हैं.

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