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खनौरी सीमा पर किसानों का कैंडल मार्च, प्रदर्शन में जान गंवाने वाले शुभकरण को दी श्रद्धांजलि

पंजाब-हरियाणा के किसान दिल्ली के रास्ते पर हैं. 29 फरवरी तक उन्होंने अपने दिल्ली चलो मार्च पर रोक लगाई है. इस बीच किसानों ने शनिवार को खनौरी सीमा पर कैंडल मार्च निकाला. उन्होंने उस युवा किसान को याद किया, जिसकी विरोध-प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी.

किसानों का कैंडल मार्च किसानों का कैंडल मार्च
अनमोल नाथ
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:05 PM IST

किसानों का विरोध-प्रदर्शन खनौरी सीमा पर चल रहा है. प्रदर्शन के दौरान एक युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी. उसकी याद में किसानों ने शनिवार को खनौरी और शंभू बॉर्डर पर कैंडल मार्च निकाला. आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले सभी किसानों को याद करने के लिए हजारों किसान एकत्र हुए.

मृतक किसान शुभकरण सिंह का परिवार भी कैंडल मार्च के लिए अन्य किसान नेताओं के साथ खनौरी बॉर्डर पर था. बीकेयू नौजवान के अध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि आज हमने शुभकरण सिंह और आंदोलन के अन्य शहीदों की याद में कैंडल मार्च बुलाया है. कल हम शंभू और खनौरी दोनों सीमाओं पर सेमिनार आयोजित करेंगे ताकि किसानों को जागरूक किया जा सके कि डब्ल्यूटीओ उन्हें कैसे प्रभावित कर रहा है.

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29 फरवरी को होगा किसानों का आगे का ऐलान

किसान नेता ने कहा, डब्ल्यूटीओ या वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाजेशन को उखाड़ फेंकना और भारत को वैश्विक व्यापार संगठन से बाहर करना महत्वपूर्ण है. किसान नेता कोहाड़ ने कहा कि 26 फरवरी को हम डब्ल्यूटीओ का पुतला जलाएंगे और फिर एसकेएम अराजनीतिक और अन्य कृषि संघ एक बैठक करेंगे. 29 फरवरी को हम आंदोलन के लिए भावी आह्वान करेंगे. मसलन, 29 फरवरी तक किसानों ने अपने दिल्ली कूच को स्थगित कर रखा है.

WTO की योजनाओं पर क्या कहते हैं किसान?

अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया, "पहले डब्ल्यूटीओ व्यापार और टैरिफ पर सामान्य समझौता था, इसमें एक नियम का उल्लेख है कि भारत में खेती किए जाने वाले कुल अनाज का केवल 10 प्रतिशत सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीदा जाना चाहिए. डब्ल्यूटीओ के नियम संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के लिए अच्छे हैं, लेकिन भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए नहीं.

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'पैसे के लालची नहीं, हमें चाहिए न्याय'

मृतक किसान शुभकरण सिंह की भावुक बहन गुरप्रीत ने कहा, "हम पैसे या नौकरी के लालची नहीं हैं, हम केवल न्याय चाहते हैं. भाई के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए." पंजाब सरकार ने मृतक किसान की बहन को 1 करोड़ रुपये मुआवजा और नौकरी की पेशकश की है. किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कथित रूप से उनपर आंसू गैस दाग रही है, जिसमें बड़ी संख्या में किसान घायल भी हुए हैं.

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