MSP पर नरम पड़ी सरकार! चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से मांगे 5 नाम

सरकार अब किसानों की इस मांग को लेकर भी नरम पड़ती नजर आ रही है. सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं.

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सरकार ने एसकेएम से मांगे नाम (फाइल फोटोः पीटीआई) सरकार ने एसकेएम से मांगे नाम (फाइल फोटोः पीटीआई)

अमित भारद्वाज / पवन राठी

  • नई दिल्ली/ सोनीपत,
  • 30 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:47 PM IST
  • सरकार को दो दिन में नाम भेज सकता है एसकेएम
  • एसकेएम का बयान- आंदोलन वापसी पर नहीं लिया फैसला

केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है. एक साल से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग पर अड़ गए हैं. कृषि कानून वापस लेने के बाद सरकार अब किसानों की इस मांग को लेकर भी नरम पड़ती नजर आ रही है. सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं.

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सरकार की ओर से की गई इस पहल के बाद पंजाब के 32 किसान संगठन अपनी तरफ से दो नाम का सुझाव दे सकते हैं. जानकारी के मुताबिक सरकार और एसकेएम के बीच 19 नवंबर से ही बैक चैनल के जरिए वार्ता शुरू हो गई थी. सरकार ने आज एसकेएम से पांच सदस्यों के नाम मांगे हैं जिन्हें एमएसपी को लेकर बनने वाली कमेटी में शामिल किया जा सके.

माना जा रहा है कि एसकेएम की ओर से ये नाम दो दिन के अंदर भेज दिए जाएंगे. इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह स्पष्ट कर दिया गया कि बैठक की तिथि में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बैठक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 4 दिसंबर को ही होगी.

एसकेएम ने साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने, एमएसपी को लेकर कानून, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट वापस लिए जाने समेत अपनी सभी छह मांगों पर कायम है. SKM ने सतनाम सिंह के उस बयान को निजी बताया है जिसमें उन्होंने आंदोलन वापस लिए जाने के संकेत दिए थे.

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एसकेएम ने कहा है कि हमने आंदोलन वापस लेने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. एसकेएम नेताओं के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर आज हुई बैठक में भी इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की गई. इसे लेकर फुल बॉडी मीटिंग में ही चर्चा की जा सकती है. एसकेएम सूत्रों के मुताबिक 4 दिसंबर को बुलाई गई बैठक में ताजा हालात, एमएसपी और अन्य लंबित मांगों को लेकर चर्चा की जाएगी.

अपने बचाव का रास्ता तलाश रही सरकार- टिकैत

किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसान जब नरेंद्र मोदी कमेटी की 2011 की रिपोर्ट लागू करने और MSP की कानूनी गारंटी मांग रहे हैं तब सरकार देश के आर्थिक तंत्र पर बोझ का रोना रोकर इससे बचने के रास्ते तलाश रही है. उन्होंने कहा कि कई सत्ता पोषित अर्थशास्त्रियों को सरकार ने अपने बचाव के लिए आगे कर दिया है.

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