किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि कल सरकार के साथ होनी वाली बैठक में हम जाएंगे.
भारतीय किसान यूनियन (BKU-Lakhowal) के महासचिव, एचएस लखोवाल ने कहा कि कल की बैठक में हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाए जाएंगे. हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.
किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक के तमाम रूट डायवर्ट किए हैं. इसमें टिकरी बॉर्डर , झरोदा बॉर्डर को ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद कर दिया गया है. बाडूसराय बॉर्डर हल्के वाहनों जैसे कार और दोपहिया वाहनों के लिए खुला है. हरियाणा के लिए धंसा, दौराला, रजोकरी NH8,बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हुए हैं. इसके अलावा सिंधु और औचंडी प्याऊ मनियारी और सबोली बॉर्डर बंद हैं. NH 4 को बंद किया गया है. मुंडका, मुकरबा और जीटी करनाल रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. पुलिस का कहना है कि आउटर रिंग रोड करनाल रोड और एनएच 44 पर जाने से बचें.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सभा में हम अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे क्योंकि मौजूदा सरकार लोगों का और विधानसभा का विश्वास खो चुकी है.
कृषि कानून के विरोध में लेखक जसविंदर सिंह ने अपना भारतीय साहित्य अकादमी अवॉर्ड वापस कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर एक लेखक लोगों की आवाज नहीं बन सकता तो क्या फायदा. मैंने अवॉर्ड के लिए लिखना शुरू नहीं किया. केंद्र सरकार जिस तरह किसानों के साथ बर्ताव कर रही है वो दुख देने वाला है.
शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसान नेताओं से बात की और उनका समर्थन जताया. टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन शुक्रवार को सिंधु बॉर्डर पर पहुंचे, जहां किसान जमा हुए हैं.
डेरेक ओ ब्रायन ने यहां करीब चार घंटे बिताए और किसानों की ममता बनर्जी से बात करवाई. हरियाणा और पंजाब के चार अलग-अलग ग्रुपों से ममता बनर्जी ने बात की और कृषि कानून वापस लेने की मांग का समर्थन किया.
किसानों के प्रदर्शन के कारण दिल्ली-नोएडा, दिल्ली-गुरुग्राम के रास्ते में कई जगह जाम की स्थिति है. पुलिस ने कुछ जगह रूट में बदलाव किया है.
किसानों का आंदोलन जारी, दिल्ली-गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद का ये है ट्रैफिक प्लान
किसानों के प्रदर्शन के कारण DND पर काफी लंबा जाम लग गया है. दिल्ली से नोएडा जाने वाले रास्ते पर करीब चार किमी. तक गाड़ियों की कतार है.
दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली में जारी प्रदर्शन को लेकर राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है. कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया है कि कोरोना संकट में भीड़ इकट्ठा की गई है, सड़कों को बंद किया गया है जो नियमों का उल्लंघन है.
सिंधु बॉर्डर पर होने वाली किसानों की बैठक अब दोपहर 12.30 बजे होगी. पहले ये बैठक सुबह 11 बजे होनी थी.
दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने टिकरी बॉर्डर के बंद होने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. यहां लंबा जाम लगा हुआ है, सुबह-सुबह का नजारा भी अलग है. धरने पर बैठे किसानों का एक तरफ लंगर चल रहा तो दूसरी तरफ 24 घंटे ड्यूटी में तैनात जवानों का भी लंगर चल रहा है.
भारतीय साहित्य अकादमी अवॉर्ड के विजेता सिरमौर शिरे डॉ. मोहनजीत, जसविंदर सिंह, पंजाबी ट्रिब्यून के एडिटर स्वराजबीर ने अपने अवॉर्ड्स को वापस लौटा दिया है. सेंट्रल पंजाबी लेखक एसोसिएशन के मुताबिक, किसान आंदोलन के समर्थन में ये अवॉर्ड लौटाए गए हैं. बीते दिन प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण लौटाया था.
11:00 बजे सिंधु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक शुरू होगी. बीते दिन सरकार से बातचीत के बाद आज यह बैठक होगी. इसमें बाकी नेताओं और किसानों को बताया जाएगा कि कल की बैठक सरकार ने उनके सामने क्या-क्या बातें रखी हैं. साथ ही आगे की रणनीति पर मंथन होगा, क्योंकि 5 दिसंबर को फिर सरकार के साथ बैठक है. कल रात को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया था. किसानों ने बयान में कहा था की मीटिंग में सरकार के साथ किसान तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी कानून बनाने की बात पर अड़े रहे.
पंजाब के पूर्व सीएम और अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानून के विरोध में अपना पद्म सम्मान लौटा दिया है. उनके अलावा भी एक नेता ने ऐसा ही किया है, पंजाब की म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री पहले ही किसानों के साथ है. लगातार बढ़ते विरोध के बीच सरकार MSP पर नरम रुख अपना सकती है. इधर दिल्ली सीमा पर अब किसानों को राजनीतिक दलों से समर्थन मिलने लगा है. आज टीएमसी की बंगाल में बैठक है, जिसमें कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन पर मंथन होगा.
बीते दिन करीब सात घंटे की बातचीत में भी सरकार किसानों को पूरी तरह मना नहीं पाई. किसानों ने जितनी समस्याएं गिनाई थी, उसपर सरकार की ओर से एक-एक बिंदु को समझाया गया. लेकिन किसान अब कानून वापस लेने की मांग पर अड़ गए हैं. किसानों और सरकार के बीच अब 5 दिसंबर को दोपहर दो बजे बैठक होगी. हालांकि, दिल्ली सीमा पर जो किसानों का आंदोलन है वो जारी रहेगा. किसान शुक्रवार को रणनीति बनाकर मंथन करेंगे.