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किसानों का देशभर में चक्का जाम, तीन घंटे के लिए पंजाब-हरियाणा में दिखा असर

कृषि कानूनों की वापसी को लेकर अड़े किसानों के तीन घंटे के चक्का जाम का सबसे ज्यादा असर पंजाब में हुआ, जबकि बाकी के राज्यों में चक्का जाम फीका रहा. 40 किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया था, लेकिन उनकी अपील का असर दूसरे राज्यों में अधिक नहीं दिखा.

पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हाईवे जाम करते किसान (फोटोः पीटीआई) पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हाईवे जाम करते किसान (फोटोः पीटीआई)
हिमांशु मिश्रा/राम किंकर सिंह/तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली/गुरुग्राम,
  • 06 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST
  • दिल्ली में जाम करने की कोशिश करने वाले हिरासत में
  • हरियाणा में कम नजर आया चक्का जाम का असर

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. किसानों ने 12 बजे से 3  बजे तक, 3  घंटे के लिए चक्का जाम किया. चक्का जाम के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस तैयार थी, वहीं जाम का सबसे अधिक असर पंजाब में दिखा.

कृषि कानूनों की वापसी को लेकर अड़े किसानों के तीन घंटे के चक्का जाम का सबसे ज्यादा असर पंजाब में हुआ, जबकि बाकी के राज्यों में चक्का जाम फीका रहा. 40 किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया था, लेकिन उनकी अपील का असर दूसरे राज्यों में अधिक नहीं दिखा. प्रदर्शनकारी किसानों की इस मुहिम का कांग्रेस ने खुला समर्थन दिया लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आइना दिखा रही है.

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दिल्ली में शहीदी पार्क के पास जाम करने का प्रयास

दिल्ली के डीसीपी क्राइम चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि अलग-अलग समूह चक्का जाम करेंगे, हमारे पास ऐसे इनपुट थे. इसका ध्यानन रखते हुए संवेदनशील बॉर्डर पर पिकेट लगाकर आवाजाही को सर्कुलेट किया गया. उन्होंने यह भी बताया कि शहीदी पार्क के समीप कुछ लोगों ने चक्का जाम करने का प्रयास किया. उन्हें तत्काल हिरासत में ले लिया गया. हर बॉर्डर पर पुलिस फोर्स मुस्तैद रही.

किसान संगठनों ने दिल्ली एनसीआर, यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम न करने का ऐलान किया था. लेकिन फिर भी दिल्ली पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद रही. 26 जनवरी को हुई हिंसा से सबक लेकर दिल्ली के साथ ही बॉर्डर पर करीब 50 हजार जवान तैनात रहे. ड्रोन से सिंघु बॉर्डर की निगरानी की गई. दिल्ली के साथ ही हर जगह चक्का जाम शांतिपूर्ण रहा. कृषि कानून के खिलाफ चक्का जाम का समर्थन कांग्रेस ने भी किया. 

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तीन घंटे के जाम में ठहर गया पंजाब

किसानों के चक्का जाम का सबसे ज्यादा असर पंजाब में नजर आया. तीन घंटे के चक्का जाम में पंजाब ठहर गया. अमृतसर, अंबाला, मोहाली, लुधियाना में किसान संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर नजर आए लेकिन हरियाणा में चक्का जाम का असर थोड़ा कम रहा. पंजाब-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों ने पूरी चौकसी बरती और ड्रोन से भी नजर रखी गई.

(शंभू बॉर्डर से सतेंद्र चौहान के इनपुट के साथ)

 

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