कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 1 दिसंबर को दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में किसान यूनियन की बैठक बुलाई है. जिन यूनियनों ने पहले दौर की वार्ता में भाग लिया था, उन्हें मंगलवार को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया है.
किसान आंदोलन के दौरान सिंधु बॉर्डर पर हुए बवाल पर दिल्ली पुलिस ने दंगा करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. अलीपुर पुलिस स्टेशन में ये एफआईआर दर्ज हुई है. यह एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि मैंने केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध किया है और आज मैंने अमित शाह को एक पत्र लिखा है कि अगर काले कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तो हम एनडीए को अपना समर्थन जारी रखने के बारे में सोचेंगे.
वामपंथी पार्टियों ने जारी किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने जारी बयान में लेफ्ट संगठनों को एकजुट होने और किसान आंदोलन को सपोर्ट करने का आह्वान किया. सीताराम येचुरी ने कहा कि वामपंथी दल देशभर में सक्रिय अपने संगठनों को एकजुट करें और किसान आंदोलन को समर्थन दें. उन्होंने इसके लिए किसान संगठन, कृषि मजदूर संगठनों और ट्रेड यूनियन का आह्वान किया.
किसान आंदोलन के मद्देनजर ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी किया है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि टिकरी बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद है. बदुसराय और झटीकरा सीमाएं केवल दो पहिया यातायात के लिए खुली हैं.
बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर को दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया. वह पैदल मार्च कर दिल्ली जंतर-मंतर किसानों को समर्थन करने जा रहे थे. तेज़ बहादुर और उनके साथी मानेसर से सुबह पैदल चल पहुंचे थे. राजौकरी,दिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने किसी भी सूरत में दिल्ली में एंट्री नहीं करने दिया. तेज़ बहादुर और समाजसेवी उमेद यादव और अन्य आधा दर्जन साथियों के साथ किसानों को समर्थन करने दिल्ली जा रहे थे.
भारती किसान यूनियन (डकौंदा) के नेता जगमोहन सिंह ने कहा कि हम सभी राज्यों के किसान संगठनों के साथ बैठक नहीं कर सकते. हम केवल पंजाब के 30 संगठनों के साथ ही ऐसा कर सकते थे. हमने मोदीजी के सशर्त निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेताओं ने किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देने को तैयार हैं. वार्ता हमेशा बिना पूर्व शर्त या पूर्व धारणा के होती है. मुझे पूरी उम्मीद है कि उनकी सभी वास्तविक मांगों पर विचार किया जाएगा और मुद्दों को हल किया जाएगा.
किसानों के प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगेंद्र यादव ने कहा कि आज तीर्थ करने वाले किसान, बांट कर खाने वाले किसान इस देश में अपनी छाप छोड़ने के लिए खड़े हैं. यह ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि पहले महेंद्र सिंह टिकैत लाखों किसानों को लेकर आए थे. इस आंदोलन से पांच झूठ का पर्दाफाश हुआ है. पहला कहा गया कि नए कानूनों का विरोध किसान नहीं कर रहे, बिचौलिए कर रहे हैं. लेकिन अब इस झूठ का पर्दाफाश हो गया है. बेचारे किसानों को तो पता ही नहीं है कि इनको बरगलाया जा रहा है. यह झूठ फैलाया जा रहा है. सिर्फ मोदी जी को और नीति आयोग को पता है आज पंजाब के बच्चे बच्चे को यह पता है. तीसरा झूठ ये सिर्फ पंजाब का आंदोलन है. मगर जान लें इस आंदोलन में पूरे देश के किसान शामिल है.
किसान नेता जगमोहन सिंह ने सिंधु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मोदी अपने ही मन की बात बोल रहे हैं. यहां पर सुरक्षाबल के जवानों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पंजाब के किसान नहीं हैं, यह मजदूर हैं, गरीब हैं. वहीं योगेंद्र यादव ने कहा कि हम जहां जहां हैं वहीं डटे रहेंगे. आज हम अपने मन की बात मोदी को सुनाएंगे.
दिल्ली की तर्ज पर सोमवार को तमिलनाडु में भी किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया.
किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार एक्टिव हुई है. भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बूटा सिंह ने दावा किया है कि गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार दोपहर को उनसे बात की है. दावा है कि अमित शाह ने बातचीत का भरोसा दिया है और लेटर देने की बात कही है. बूटा सिंह सोमवार दोपहर को टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने ये बात कही. बूटा सिंह का कहना है कि आज शाम तक सरकार की ओर से बातचीत का आधिकारिक न्योता मिल सकता है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई बैठक खत्म हो गई है. किसानों के प्रदर्शन को लेकर इस बैठक में मंथन हुआ और सरकार के रुख पर चर्चा की गई.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों के प्रदर्शन पर बयान दिया है. नीतीश ने कहा कि कृषि कानून से फायदा होगा, ऐसे में किसानों को सरकार से बात करनी चाहिए. केंद्र सरकार ने बातचीत करने की बात कही है.
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भले ही प्रदर्शन के दौरान कई बार पुलिस और किसान आमने-सामने आए, लेकिन गुरु नानक जयंती के मौके पर जब प्रदर्शनकारियों ने अरदास की तो उसके बाद वहां तैनात जवानों को प्रसाद भी दिया.
किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं. इससे पहले बीती रात भी जेपी नड्डा के घर, अमित शाह-राजनाथ सिंह-नरेंद्र सिंह तोमर की बैठक हुई थी. सूत्रों की मानें, तो सरकार अभी तक अपने पुराने स्टैंड पर ही टिकी हुई है और किसान भी अपने स्टैंड से नहीं हट रहे हैं, यही कारण है कि गतिरोध जारी है.
किसानों के प्रदर्शन के कारण दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर सख्ती बढ़ती जा रही है. यहां हर गाड़ी को चेक किया जा रहा है, जिसके बाद लोगों को एंट्री मिल रही है. सख्त चेकिंग के कारण अब जाम जैसे हालात बन गए हैं, गुरुग्राम में राजौकरी बॉर्डर से एम्बियंस मॉल तक जाम लग गया है.
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दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर एक मेडिकल कैंप की व्यवस्था की गई है. डॉक्टर का कहना है कि हम यहां कोरोना का टेस्ट करेंगे. ताकि पता चल सके कि यहां कोई कोरोना का सुपर स्प्रेडर तो नहीं है, अगर ऐसा होता है तो काफी चिंता बढ़ सकती है.
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हो गए हैं. अब यहां पर पुलिस ड्रोन कैमरे के जरिए नज़र रख रही है. किसानों की ओर से लगातार एक ही मांग की जा रही है कि खुद पीएम मोदी या गृह मंत्री अमित शाह बात करें और इस मसले का हल निकलवाएं.
किसानों के प्रदर्शन के बीच सरकार की ओर से लगातार कृषि कानून पर सफाई दी जा रही है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा कि नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं. मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी. नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर. #FarmBills
सोमवार को भी किसानों का धरना जारी है. किसान सुबह से ही फिर विरोध करने में जुट गए हैं, इस दौरान सिंधु बॉर्डर पर सुबह-सुबह किसानों ने नाश्ता बनाया और सभी प्रदर्शनकारियों को दिया. किसानों ने पहले ही ऐलान किया है कि वो चार महीने के राशन के साथ यहां आए हैं. (फोटो: अशोक सिंघल)
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर किसी तरह की ट्रैफिक मूवमेंट की इजाजत नहीं है.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को सिंधु बॉर्डर से हटने से इनकार कर दिया है. इस के साथ ही किसान संगठनों के नेताओं ने देश की राजधानी में प्रवेश के सभी 5 रास्तों को बंद करने की चेतावनी दी है.
दिल्ली-हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर सोमवार सुबह भी कड़ाके की ठंड के बीच किसान डटे हुए हैं.
बीते दिन हैदराबाद से लौटते ही गृह मंत्री अमित शाह किसानों से जुड़ी एक बैठक में शामिल हुए. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर राजनाथ सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, अमित शाह ने बैठक की और किसान आंदोलन पर मंथन किया. जैसे-जैसे किसानों का आंदोलन बढ़ रहा है, राजनीतिक हलचल भी जारी है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल किसानों के साथ हैं और सरकार को घेर रहे हैं.
दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की मांग को लेकर अड़े किसानों का संघर्ष जारी है. सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अपील को किसानों ने ठुकरा दिया और कहा कि कृषि कानूनों को लेकर उनकी मांग मानी जाए, वरना दिल्ली आने वाले पांचों रास्ते बंद किए जाएंगे. किसानों का कहना है कि उनके पास चार महीने तक का राशन है, ऐसे में वो अपनी जगह से टस से मस नहीं होंगे.