किसानों ने सोनीपत के पास कोंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे (KMP) को भी जाम कर दिया है. किसानों ने ट्रैक्टर केएमपी के ऊपर लगाकर जाम किया है. किसान सैकड़ों की संख्या में मौजूद हैं और इस वजह से केएमपी पर लंबा जाम लग गया है.
पंजाब के मलेरकोटला के मुस्लिम पिछले 25-26 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर नमकीन और मीठा पुलाव किसानों को बना करके खिला रहे हैं. यह नमकीन और मीठा पुलाव "जर्दा" कहलाता है, जहां एक ओर किसान आंदोलन कर रहे हैं तो मलेरकोटला के मुस्लिम इन किसानों को संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच के पास ही खाने पीने की व्यवस्था कर रहे हैं.
दिल्ली में किसान मजदूर संघ, बागपत से जुड़े 60 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिला.
गुरुवार दोपहर को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मेरठ क्षेत्र के किसान मुलाकात करने पहुंचे. लगातार किसान संगठनों के नेता कृषि मंत्री से मुलाकात कर नए कानूनों के समर्थन का ऐलान कर रहे हैं.
किसानों के आंदोलन को लेकर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भारत सरकार का प्रयास है कि मामले का समाधान हो, वैसे भी हर विभाग का जो समाधान है वह बातचीत से ही हो सकता है और हुआ भी है. उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की लंबे समय से जो मांगें थी उसी के अनुसार कानून पारित किया गया. हम तो यह चाहते हैं कि वार्ता हो और वार्ता के जरिए ही समाधान निकले. उन्होंने जो बातें रखी थी या जो कही थी उनको हमने लिखित रूप से पत्र में भेजा है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी या लेफ्ट दल राजनीति कर रहे हैं. देशभर के किसान समर्थन देने के लिए मंत्री के पास आ रहे हैं और वह यह भी कह रहे हैं कि यह कानून किसानों के हित में है अगर इसे वापस ले लिया तो वे आंदोलन करेंगे.
किसानों के आंदोलन के बीच सरकार की ओर से किसानों को एक और चिट्ठी लिखी गई है. कृषि मंत्रालय द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि सरकार किसानों की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अभी भी बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं. पूरी चिट्ठी को नीचे पढ़ें...
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कृषि कानून के मसले पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर का एक बयान आया है. मनोहर खट्टर ने कहा कि आजकल हम तमाशा देख रहे हैं, कानून रद्द करने के लिए लोग दबाव बना रहे हैं. खट्टर बोले क्या ये डेमोक्रेसी है, धींगामस्ती नहीं चलेगी. सभ्य तरीके से हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है.
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों ने रिलायंस से जुड़ी दुकानों को बंद करवा दिया है. इसके अलावा पटियाला के रसूलपुर गांव में किसानों ने जिओ मोबाइल टावर की बिजली काट दी है.
आंदोलन को लेकर गुरुवार को किसान संगठनों द्वारा डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें..
• दो साल पहले सरकार की मंशा पर शक हुआ था, लेकिन कोरोना काल में नया कानून लाया गया. देशभर में आंदोलन है, लेकिन पंजाब अगुवाई कर रहा है.
• मोदी सरकार ने सभी सरकारी संपत्ति को प्राइवेट हाथों में दे दिया है, कृषि के साथ भी यही किया जा रहा है. हम किसी संशोधन नहीं बल्कि कानून वापसी की मांग कर रहे हैं.
• किसी को भी आंदोलन के दौरान हिंसा नहीं करने दी जाएगी, 500 ग्रुप बने हुए हैं. हर किसी की रोज बैठक होती है.
• सिर्फ MSP का विवाद नहीं है, कानूनों की भी बात है. कानून लागू होने से खेती का पूरा सिस्टम बदल जाएगा और किसानों को नुकसान होगा.
• हम अलग-अलग भाषाओं में अपने पैम्फ्लेट निकाल रहे हैं, लोगों को आंदोलन के बारे में बता रहे हैं. हमारी डिजिटल टीम भी अब सोशल मीडिया के जरिए लोगों का समर्थन जुटा रही है.
हिरासत में लिए गए प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को अब रिहा कर दिया गया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कृषि कानून के मसले पर राष्ट्रपति से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी बोले कि राष्ट्रपति से हमने कहा है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है. मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, जबतक कानून वापस नहीं होगा तबतक कोई वापस नहीं जाएगा.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार संसद का संयुक्त सत्र बुलाए और इन कानूनों को तुरंत वापस लें. राहुल ने कहा कि आज किसान दुख और दर्द में हैं, कुछ किसानों की मौत भी हुई है.
हिरासत में ली गईं प्रियंका गांधी ने आजतक से बात की, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपनी जिद पर अड़ गई है. आज जो भी सरकार से सवाल करता है, उन्हें देशद्रोही बता दिया जाता है. प्रियंका बोलीं कि सरकार के दिल में किसानों के लिए कोई इज्जत नहीं है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे हैं. कांग्रेस के मार्च को निकालने की इजाजत नहीं दी गई, जिसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है.
कांग्रेस पार्टी द्वारा आज निकाले जाने वाले मार्च को कोई परमिशन नहीं मिली है. हालांकि, राहुल गांधी समेत तीन नेता राष्ट्रपति भवन जा सकेंगे. साथ ही नई दिल्ली इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ाया गया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार को घेरा है. राहुल ने लिखा कि भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं, इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा.
किसानों के द्वारा आज एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी. किसान नेता दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें आंदोलन का कारण बताएंगे. किसान मोर्चा की ओर से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अगर लोगों के कुछ सवाल हो तो वो जवाब दे सकें.
किसानों के आंदोलन के बीच आज किसान सेना के समर्थक और किसान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करेंगे. किसान सेना नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन देगी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर कृषि कानूनों के मसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे, उनके साथ विपक्ष कसे अन्य कई नेता भी होंगे.
गुरुवार को राहुल की अगुवाई में एक मार्च निकाला जाएगा, जिसमें विपक्ष के सांसद होंगे. जिसके बाद करीब दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाला पत्र राष्ट्रपति को सौंप कानून वापसी की अपील होगी. ये मुलाकात सुबह करीब 11.30 पर होगी.
बीते दिन सिंघु बॉर्डर पर 40 से अधिक किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सरकार के प्रस्ताव को नकार दिया गया. किसानों ने सरकार को लिखकर नया प्रस्ताव देने की बात कही है, जिसपर विचार किया जाएगा.
किसानों की सबसे बड़ी मांग अब भी तीनों कानूनों की वापसी ही है. किसानों का ये फैसला तब आया है, जब 25 दिसंबर को पीएम मोदी हजारों किसानों से संवाद करेंगे और उनके खाते में कृषि सम्मान निधि योजना की किस्त भेजेंगे.