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मॉनसून सत्र के साथ आज चलेगी 'किसान संसद', SFJ को लेकर IB का अलर्ट, दिल्ली पुलिस मुस्तैद

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान 13 अगस्त तक, मतलब जब तक मॉनसून सत्र चलेगा तबतक जंतर-मंतर पर किसान संसद (kisan sansad at jantar mantar) चलाएंगे.

जंतर-मंतर पर चलेगी किसान संसद (फाइल फोटो) जंतर-मंतर पर चलेगी किसान संसद (फाइल फोटो)
अरविंद ओझा/तनसीम हैदर/कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST
  • मॉनसून सत्र के साथ आज से चलेगी किसान संसद
  • दिल्ली पुलिस ने किसानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत दी

संसद के मॉनसून सत्र (parliament monsoon session) की कार्यवाही का आज का दिन बेहद खास है. सदन के अंदर जो हंगामा होने के आसार हैं, वो तो हैं ही लेकिन बाहर 2 किलोमीटर दूर जंतर-मंतर पर जो कुछ होने के चांस हैं, उसको लेकर दिल्ली पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. दरअसल, आज यानी गुरुवार से जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' चलेगी. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ इसकी मंजूरी दे दी है. इसी बीच आईबी ने खालिस्तानी आतंकी साजिश को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है.

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सुबह की जंतर-मंतर और सिंघु बॉर्डर की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं. दोनों ही जगह पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा है. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को हर रोज 11 बजे से लेकर 5 बजे तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन (kisan sansad) करने की सशर्त इजाजत दी गई है. किसान चाहते थे कि वे वहां से मार्च करते हुए संसद तक जाएं, लेकिन इसकी इजाजत नहीं दी गई है.

क्या है किसान संसद?

प्रदर्शन कर रहे किसान 13 अगस्त तक, मतलब जब तक मॉनसून सत्र चलेगा तबतक जंतर-मंतर पर किसान संसद (kisan sansad at jantar mantar) चलाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा, 'सबकुछ संसद जैसा होगा. एक स्पीकर होगा, डिप्टी स्पीकर होगा. टी ब्रेक होगा. सब काम संसद जैसा होगा.' इसमें किसान कृषि कानूनों पर बात करेंगे.

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किसान संसद के लिए पुलिस भी तैयार

किसान संसद को लेकर सबसे बड़ा डर यही है कि स्थिति 26 जनवरी जैसी ना हो जाए. तब पुलिस ने ट्रैक्टर मार्च की इजाजत दी, लेकिन जिन रूट्स पर इजाजत नहीं थी वहां भी प्रदर्शनकारी किसान ट्रैक्टर लेकर पहुंचे और फिर लाल किले पर जो हुआ वह सबको हमेशा याद रहेगा. अब दिल्ली पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रहना चाहती है.

दिल्ली पुलिस की तरफ से बुधवार को एक आदेश जारी किया गया, इसमें पुलिस फोर्स को सुबह 8 बजे से तैयार रहने को कहा गया था. पुलिस की दूसरी ब्रांच को भी खाकी वर्दी के साथ स्टैंड बॉय पर रहने को कहा गया. बाकि स्टाफ को भी स्टैंड बॉय और फोन ऑन रखने का ऑर्डर है. दंगा रोधी  गियर भी तैयार रखने को कहा गया है.

खालिस्तानी आतंकी साजिश को लेकर IB का बड़ा अलर्ट 

सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी आतंकी साजिश को लेकर IB ने बड़ा अलर्ट दिया है. कहा गया है कि खालिस्तानी माहौल खराब करने के लिए बड़ी साजिश रच रहे हैं. इसमें सिख फ़ॉर जस्टिस को लेकर कहा गया है कि उसके प्रमुख गुरूपतवंत सिंह पन्नू ने कई वीडियो और ऑडियो मेसेज के जरिये 22 जुलाई को संसद के घेराव के लिए उकसाया है.

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पन्नू ने अपने मेसेज में पंजाब के नौजवानों को दिल्ली कूच करने के लिए कहा, साथ ही संसद पर कब्जा करने के लिए उकसाया, उन्हें कृपाण और केसरी झंडे के साथ दिल्ली कूच के लिए कहा गया है. अलर्ट को IB ने दिल्ली पुलिस समेत तमाम सुरक्षा बलों के साथ साझा किया है.

दिल्ली पुलिस ने किन-किन बातों पर दी रजामंदी

- हर रोज 11 बजे से लेकर 5 बजे तक चलेगी किसान संसद
- हर संगठन से पांच पांच सदस्य ही शामिल होंगे जिनकी पहचान पहले से चिन्हित की जाएगी
- राजधानी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन से किसान सुबह 8 बजे सिंघु बॉर्डर के लिए चलेंगे
- सिंघु बॉर्डर पर इकट्ठा होकर किसान एक साथ लगभग 5 बसों में भरकर जंतर मंतर की तरफ 10 बजे रवाना होंगे
- सिंघु बॉर्डर के अलावा किसी भी बॉर्डर से किसानों का कोई भी मोर्चा जंतर मंतर की ओर नहीं जाएगा
- इन बसों में यह 200 किसान जाएंगे उनके साथ-साथ पुलिस की गाड़ी भी चलेगी ताकि बीच में कोई भी गड़बड़ी ना हो
- जंतर मंतर पर भी बैठने की जगह सुनिश्चित की जाएगी और उन्हीं जगहों पर कोविड नियमों का पालन करते हुए सुबह 11 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक किसान संसद चलेगी
- जंतर मंतर पर सुरक्षा के सभी इंतजाम किए जाएंगे और सीसीटीवी कैमरे की भी नजर होगी ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति वहां प्रदर्शन में शामिल ना हो पाए
- किसान संसद में मंच भी संचालित होगा और उन्हीं किसानों में से लगातार मंच से संबोधन भी किया जाएगा
- 5 बजे शाम के बाद फिर से उन्हीं बसों में भरकर किसान दोबारा सिंघु बॉर्डर पहुंचा दिए जाएंगे
- आते वक्त भी पुलिस की कड़ी पहरेदारी बसों के आसपास बनी रहेगी ताकि कोई भी गड़बड़ी ना हो पाए
- लगभग 40 संगठनों के 5-5 किसान संसद में हर रोज शामिल होंगे और उन्हीं 5 किसानों में से एक को मॉनिटर बनाया जाएगा और किसी भी गड़बड़ी की परिस्थिति में उसे जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.

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दरअसल, दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों को चिंता इसी बात की थी कि जंतर-मंतर के बहाने कोई गड़बड़ी ना हो तभी सभी शामिल होने वाले किसानों पर कड़ी पहरेदारी रखी जाएगी.

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