सीएम केजरीवाल ने कहा कि अन्ना आंदोलन में हमें बदनाम करते थे, वैसे ही आज किसान को राष्ट्रदोही कह रहे हैं. 70 साल से किसान को सभी ने धोखा दिया. किसानों ने सिर्फ धोखा देखा है. तीन कानून से किसान की खेती छीनना चाहते हैं और पूंजीपतियों को देना चाहते हैं. अगर किसान की खेती चली गई वो किसान कहां जाएगा. किसान अपना खेत बचाने के लिए बैठे हैं.
सिंघु बॉर्डर पहुंचकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश का किसान दुखी है, कड़ाके की ठंड में किसान भाई, माताएं, बच्चे 32 दिनों से खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं. 40 से ज्यादा किसानों की शहादत हो चुकी है. मैं हाथ जोड़कर केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि इनकी मांगें पूरी कर तीनों कानूनों को वापस ले. आखिरी और कितनी शहादत चाहिए...
सीएम अरविंद केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पर बने गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कीर्तन पाठ में हिस्सा लेंगे. इससे पहले भी केजरीवाल गुरु तेग बहादुर मेमोरियल जा चुके हैं जहां दिल्ली सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के लिए खाने, पानी और टॉयलेट की व्यवस्था की हुई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं.
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधा है. ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व द्वारा किसानों को अर्बन नक्सल कहना मूर्खतापूर्ण है. क्या उन्हें लगता है कि कृषि कानून संकट केवल दिल्ली तक ही सीमित है?
किसानों के मुद्दे पर पहले ही बीजेपी का साथ छोड़ चुकी अकाली दल ने RLP के कदम की तारीफ की है. RLP नेता हनुमान बेनीवाल द्वारा एनडीए से अलग होने के फैसले पर हरसिमरत कौर ने बधाई दी है. हरसिमरत ने ट्वीट में लिखा, ''अकाली दल के नक्शेकदम पर आगे बढ़ते हुए किसानों के हक में एनडीए छोड़ने के लिए मैं हनुमान बेनीवाल जो को बधाई देती हूं. आरएलपी ने कड़ा संदेश दिया है कि जो पार्टी किसानों के साथ हैं और अन्नदाता का सम्मान करती हैं वो सबकुछ कुर्बान करने के लिए तैयार हैं.''
केरल के वित्त मंत्री ने कहा है कि प्रदेश को लेकर प्रधानमंत्री के पास गलत जानकारी है. केरल में न केवल धान के लिए एमएसपी है, बल्कि यह केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित एमएसपी से 900 रुपये प्रति कुंतल अधिक भी है. 16 सब्जियों और रबर, नारियल जैसी व्यावसायिक उत्पाद के लिए भी एमएसपी है. उन्होंने कहा है कि पूरी प्रतिक्रिया के लिए बजट का इंतजार करें.
केरल में मंडी सिस्टम क्यों नहीं है? इसे लेकर केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने ट्ववीट कर जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि केरल में जितने भूभाग पर खेती होती है, उसके 80 फीसदी से अधिक भूभाग पर कॉमर्शियल फसलों का उत्पादन होता है. इसके लिए (नारियल को छोड़कर) अलग-अलग कमोडिटी बोर्ड और मार्केटिंग के नियम हैं. उन्होंने कहा है कि इसके बावजूद हमने किसानों के हितों की रक्षा के लिए एमएसपी के साथ हस्तक्षेप किया.
किसानों और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. सरकार के प्रस्ताव पर किसानों ने भी अपना प्रस्ताव भेज दिया है और बाकायदा अपनी शर्त भी सरकार को बता दी हैं. अब गेंद सरकार के पाले में है, किसानों ने 29 दिसंबर का वक्त दिया है. इस बीच किसान एक तरफ जहां आंदोलन तेज करने की तैयारी कर रहे हैं वहीं सिंघु बॉर्डर पर स्टेज भी बड़ा कर दिया गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज शाम 6 बजे सिंघु बॉर्डर जाएंगे, जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री शहीदी सप्ताह के दौरान कीर्तन दरबार में हिस्सा लेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस साल की अंतिम मन की बात करेंगे. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि आज सभी किसान पीएम मोदी के मन की बात का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि मन की बात के दौरान सभी लोग ताली और थाली बजाकर विरोध करें, थाली हो सके तो जूते से बजानी है क्योंकि थाली पीएम मोदी की होगी, जूता हमारा होगा. किसान ने कहा कि मोदी कभी मन की बात नहीं करते बल्कि मैले मन से बात करते हैं. कभी आत्मा की बात नहीं करते. इसलिए मन की बात का विरोध करें और वीडियो वायरल करें.
किसानों ने केंद्र सरकार का बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. केंद्र सरकार ने इसके लिए 29 दिसंबर के दिन 11 बजे का समय प्रस्तावित किया है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इसपर सोमवार यानी 28 दिसंबर तक अपनी सहमति दे देगी.
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आंदोलन में प्रदेश के कई जिलों के किसानों के भी शामिल होने की सूचनाओं के बीच यूपी सरकार अलर्ट हो गई है. योगी सरकार ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मैदान में उतार दिया है. 27, 28 और 29 दिसंबर को वरिष्ठ अधिकारी जिलों में डेरा डालकर किसान संगठनों और उनके प्रतिनिधियों से बात करेंगे. ये वरिष्ठ अधिकारी किसानों की समस्याओं की समीक्षा करेंगे.
दिल्ली के बॉर्डर पर जमे किसान 27 और 28 दिसंबर को शहादत दिवस मनाएंगे. 30 दिसंबर को किसान ट्रैक्टर लेकर मार्च करेंगे.
किसानों की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सरकार से वार्ता नाकाम हुई तो प्रदर्शन तेज किया जाएगा. एनडीए के सांसद, विधायकों के विरोध को बढ़ाया जाएगा. अडानी-अंबानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार जारी रहेगा. हरियाणा के साथ-साथ अब पंजाब के टोल भी फ्री कर दिए जाएंगे.
नए कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की मांग है कि पराली जलाने पर दंड के प्रावधानों को बाहर करने पर चर्चा हो. किसान विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में भी जरूरी बदलाव करने की भी मांग कर रहे हैं.
नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की मांग है कि सबसे पहले इन कानूनों को रद्द करने के लिए अपनाई जानेवाली क्रियाविधि को लेकर चर्चा हो. इसके बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी की प्रक्रिया और प्रावधान पर बात हो.