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सरकार और किसानों में आज होगी बातचीत, क्या पिघलेगी बर्फ, निकलेगा रास्ता?

7वें दौर की बैठक से पहले मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक हुई. ये बैठक लगभग 2 घंटे चली. बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार-किसान के बीच बातचीत सकारात्मक कदम के साथ आगे बढ़ेगी, ऐसा पूरा विश्वास है. 

दिल्ली में आज किसान आंदोलन का 35वां दिन है (पीटीआई) दिल्ली में आज किसान आंदोलन का 35वां दिन है (पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:04 AM IST
  • किसान-सरकार के बीच 7वें दौर की बैठक आज
  • बातचीत से पहले कल ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक हुई
  • कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं किसान

किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली बातचीत पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं. किसानों ने सरकार को अपने एजेंडे की याद दिला दी है जिसमें वो तीनों कृषि कानूनों के साथ ही बिजली से जुड़े एक कानून को वापस करने की मांग पर अड़े हैं. इससे पहले अमित शाह की अगुवाई में मंगलवार को हुई मंत्रियों की बैठक के बाद कृषि मंत्री ने भरोसा जताया कि आज बातचीत के सकारात्मक नजीते निकलेंगे. अब यह देखना होगा कि दोपहर 2 बजे की बैठक के बाद क्या नतीजे निकलते हैं.

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वहीं, 7वें दौर की बैठक से पहले मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक हुई. ये बैठक लगभग 2 घंटे चली. बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बुधवार को किसानों के साथ बातचीत होगी. उम्मीद है सरकार-किसान के बीच बातचीत सकारात्मक कदम के साथ आगे बढ़ेगी, ऐसा पूरा विश्वास है. 

संयुक्त किसान मोर्चा ने लिखा पत्र

संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ कुछ मांगों को लेकर चिट्ठी लिखी. इसमें कहा गया है कि 30 दिसंबर को दोपहर 2:00 बजे वार्ता का निमंत्रण हमें स्वीकार है. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया कि प्रासंगिक मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान के लिए जरूरी होगा कि हमारी वार्ता इसी एजेंडा के अनुसार चले.

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बता दें कि अब तक सरकार और किसानों के बीच 6 राउंड की चर्चा हो चुकी है, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकला. अब एक बार फिर दोनों पक्ष बातचीत की टेबल पर आए हैं, ऐसे में उम्मीदें बरकरार हैं. दूसरी ओर किसानों ने आंदोलन तेज किया है, नए साल तक देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान संगठन सभाएं करेंगे. 

4 शर्तों पर बातचीत का प्रस्ताव भेजा था

26 दिसंबर को किसानों ने सरकार को 4 शर्तों पर बातचीत का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें पहली शर्त यही है कि तीनों कृषि कानून खारिज करने की प्रक्रिया पर सबसे पहले बात हो. अपनी मांगों के साथ किसान 35वें दिन भी दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं. इस आंदोलन में अब 40 से अधिक किसानों की जान जा चुकी है, जिस पर सियासत भी जमकर हो रही है. 

सिंघु बॉर्डर पर Wi Fi लगाएगी AAP

आम आदमी पार्टी ने सिंघु बॉर्डर पर Wi-Fi लगाने का ऐलान किया है, किसान आंदोलकारियों से मिली मांग के बाद आम आदमी पार्टी सिंघु बॉर्डर पर Wi Fi इंटरनेट सुविधा देगी. आम आदमी पार्टी सिंघु बॉर्डर पर अलग अलग-जगहों पर Wi Fi हॉटस्पॉट लगाएगी.

संवाद और सहयोग से निकलेगा समाधान

किसानों के मुद्दे पर आज तक से बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि संवाद और सहयोग से ही समस्याओं का हल निकलता है. हठयोग से कुछ नहीं होता है. सरकार को किसानों की मांगों पर विचार करना चाहिए और जो संशोधन किसान चाहते हैं, उसे करना चाहिए. किसानों को भी बीच का रास्ता खोजना चाहिए. 

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