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ना ट्रैक्टर, ना हंगामा... दिल्ली के रामलीला मैदान में आज 400 संगठनों के किसानों की महापंचायत

दिल्ली के रामलीला मैदान में आज किसानों की महापंचायत है. किसानों से जुड़े 400 संगठन के लोग इस महापंचायत में शामिल होंगे. ये महापंचायत एक ही दिन की है. पुलिस और एमसीडी ने किसानों को इस शर्त पर अनुमति दी है कि वह बिना ट्रैक्टर के पहुंचेंगे. साथ ही उनके पास कोई हथियार भी नहीं होगा.

किसान महापंचायत के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे किसान. किसान महापंचायत के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे किसान.
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

किसानों से जुड़े 400 संगठन आज दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत करने वाले हैं. दावे के मुताबिक आज इन 400 संगठनों से जुड़े किसान ट्रेन और सड़क मार्ग से पहुंचेंगे. इस महापंचायत के लिए हजारों किसान रामलीला मैदान पहुंच चुके हैं. ये महापंचायत एक ही दिन की है. पुलिस और एमसीडी ने किसानों को इस शर्त पर अनुमति दी है कि वह बिना ट्रैक्टर के पहुंचेंगे साथ ही उनके पास कोई हथियार भी नहीं होगा. इस महापंचायत में 37 संगठनों के किसान नेता मंच पर मौजूद रहेंगे. महापंचायत की शुरुआत आज 12 बजे से होगी.

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इस महापंचायत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने एक दिन के दिल्ली चलो का आह्वान किया था. इस जुटान में संयुक्त किसान मोर्चा से संबंधित सभी संगठन रामलीला मैदान में एकत्रित हो रहे हैं. हजारों किसान पहले ही पहुंच चुके हैं. महापंचायत में किसानों से जुड़े मुद्दों पर एक प्रस्ताव पास होगा. इसमें सरकार के खिलाफ आने वाले दिनों में आंदोलन की रूपरेखा भी तय की जाएगी.

पंजाब में आंदोलन चला रहे दो अलग संगठन

भारतीय किसान यूनियन एकता-उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि पंजाब में भी शंभू बॉर्डर पर एक आंदोलन चल रहा है, जिसके चलते किसान धरना दे रहे हैं. पंजाब में चल रहे आंदोलन को करने वाले किसान नेता SKM का हिस्सा नहीं है. वह दो अलग संगठन हैं, जो प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने वहां मोर्चा लगाया है. मोर्चा लगाने के पक्ष में संयुक्त किसान मोर्चा नहीं था.

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इन 7 मुद्दों को लेकर की जा रही महापंचायत

1. एमएसपी गारंटी कानून आए.
2. स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू की जाए.
3. किसानों की कर्जमाफी हो.
4. पिछले किसान आंदोलन में दर्ज मामले वापस लिए जाएं.
5. पिछले किसान आंदोलन में मृत किसानों को मुआवजा दिया जाए.
6. लखीमपुर खीरी मामले में दोषियों को सजा मिले.
7. भूमि अधिग्रहण कानून के किसान विरोधी क्लॉज पर पुनर्विचार किया जाए.

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