
कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो हफ्ते से किसानों का आंदोलन जारी है. लेकिन इस बीच इस आंदोलन में उस वक्त एक कंट्रोवर्सी देखने को मिली, जब भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) ने अपने स्टेज पर एक कार्यक्रम किया और इसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और आनंद तेलतुंबडे जैसे एक्टिविस्ट के पोस्टर-बैनर नजर आए. ये कार्यक्रम टिकरी बॉर्डर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर हो रहा था.
बता दें कि इन एक्टिविस्टों के पोस्टर-बैनर के जरिए मांग की जा रही थी कि गिरफ्तार बुद्धिजीवियों और छात्रों को रिहा किया जाए. गौरतलब है कि इनमें से कई लोगों पर संगीन मामलो के तहत केस दर्ज हैं. कुछ तो ऐसे हैं जिन पर UAPA के तहत केस दर्ज है. जिसमें उमर खालिद और शरजील इमाम जैसे लोग शामिल हैं.
वहीं, इस मामले में भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के लोगों का कहना था कि आज मानवाधिकार दिवस के दिन हम इन लोगों कि रिहाई की मांग कर रहे थे, क्योंकि इन लोगों ने जन और जंगल की लड़ाई लड़ी है. इनको सरकार ने गलत फंसाया है, इसलिए हम इनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं. हालांकि, बताया गया कि भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) का स्टेज टिकरी बॉर्डर से कुछ किमी की दूरी पर है. उन्हें इस कार्यक्रम की जानकारी नहीं है. वहीं, किसान नेताओं का कहना था, इस खबर से हमको मतलब नहीं है... हमारी तरफ से ऐसी कोई मांग नहीं की गई है.
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सूत्रों के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) का टिकरी बॉर्डर से टोल टैक्स वाली साइड से कोई मतलब नहीं है. उसका अपना एक अलग स्टेज है.
फिलहाल, आपको बता दें कि किसान आंदोलन का आज 15वां दिन है. किसान लगातार अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर भी कई किसान संगठन मिलकर अपनी आवाज उठाने में लगे हुए हैं. टिकरी बॉर्डर पर करीब 30 किसानों की जत्थेदारी प्रदर्शन कर रही है.
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