Advertisement

किसान आंदोलन पर ट्वीट के बाद सचिन तेंदुलकर के खिलाफ प्रदर्शन, BJP ने विपक्ष को घेरा

सचिन तेंदुलकर पर विपक्षी दलों की ओर से किए जा रहे वार के बीच केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता उनके पक्ष में खुलकर आ गए हैं.

सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटोः पीटीआई) सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटोः पीटीआई)
पंकज उपाध्याय
  • मुंबई,
  • 07 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:36 AM IST
  • नफरत की भाषा बोल रही है कांग्रेस- जोशी
  • सचिन को ऐसे अपमानित किया जाना दुखद- राम कदम

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट के बाद से सियासी घमासान मचा है. सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के ट्वीट को लेकर एक ट्वीट किया था. सचिन के इस ट्वीट पर बवाल जारी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने किसी अन्य विषय पर बोलते समय सतर्क रहने की नसीहत दे डाली.

सचिन तेंदुलकर पर विपक्षी दलों की ओर से किए जा रहे वार के बीच केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता उनके पक्ष में खुलकर आ गए हैं. केंद्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्री प्रह्वाद जोशी ने कांग्रेस पर नफरत की भाषा बोलने का आरोप लगाया है.

Advertisement

वहीं, महाराष्ट्र बीजेपी के नेता राम कदम ने ट्वीट कर कहा है कि भारत रत्न, देश के भूषण सचिन तेंदुलकर को इस तरह अपमानित किया जाना दुखद है. राम कदम ने अपने ट्वीट में आगे कहा है कि सचिन से बेहद प्यार करने वाले बाला साहब ठाकरे होते तो वे यह कभी नहीं सह सकते थे. वे अपने अंदाज में कड़ा जवाब देते. उन्होंने ट्वीट में शरद पवार पर भी निशाना साधा. बीजेपी नेता राम कदम ने कहा है कि देखना है कि शिवसेना और क्रिकेट में विशेष रुचि लेने वाले शरद पवार सचिन को अपमानित करने वालों का समर्थन करेंगे या विरोध?

बीजेपी नेता आशीष शेलार ने भी इस मुद्दे पर शिवसेना और कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा है कि हम केरल में सचिन तेंदुलकर का अपमान करने वाली  घटना की निंदा करते हैं. उन्होंने शिवसेना पर भी हमला बोला और सवाल खड़े किए. इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रदेश की सत्ता पर काबिज महा विकास अघाडी को घेरते हुए कहा था कि क्या अघाडी के नेता सचिन का यह अपमान बर्दाश्त करेंगे?

Advertisement

बता दें कि शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर को अपने क्षेत्र से अलग किसी अन्य विषय पर बोलते समय सतर्क रहने की नसीहत देते हुए कहा था कि किसान आंदोलन को लेकर इन्होंने जो राय रखी है, उससे जनता में नाराजगी है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement