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पंजाब में किसानों का 40KM लंबा ट्रैक्टर मार्च, संगरूर से खनौरी बॉर्डर तक दिखा काफिला

पंजाब के संगरूर में किसानों ने 40 किलोमीटर लंबा ट्रैक्टर मार्च निकाला. किसानों ने बताया कि प्रत्येक गांवों से 15 ट्रैक्टर ने मार्च में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले युवा किसान को याद किया और भारत को WTO से बाहर निकलने की अपील की.

किसानों का ट्रैक्टर मार्च किसानों का ट्रैक्टर मार्च
बलवंत सिंह विक्की
  • संगरूर,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST

पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर दो हफ्ते से किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच जब खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को किसान दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तो एक युवा किसान की मौत हो गई. इसके और वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन की नीतियों के विरोध में किसानों ने आज 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की अपील की थी.

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पंजाब के संगरूर में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाली, जिसमें हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर किसान पहुंचे. मसलन, किसानों ने संगरूर से खनौरी सीमा तक तकरीबन 40 किलोमीटर के एरिया में हजारों ट्रैक्टर लेकर किसान लुधियाना-हिसार के रास्ते दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर निकले. हरियाणा पुलिस की ओर से सीमेंट की दीवारें बनाकर किसानों को रोका गया है, लेकिन वे दिल्ली आकर अपना विरोध दर्ज करना चाहते हैं.

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बीकेयू उगराहां ने किया मार्च का आयोजन

किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन उगराहां की ओर से यह सबसे बड़ा लंबा ट्रैक्टर मार्च का काफिला था. किसानों ने अपने ट्रैक्टर रोड के एक किनारे खड़े कर घंटों विरोध प्रदर्शन किए. ट्रैक्टर मार्च के दौरान देखा गया कि किसानों ने एक किनारे से मार्च को आगे बढ़ाया. मार्च के दौरान इस बात का ध्यान रखा गया कि सड़क पर चल रहीं अन्य वाहनों को समस्या ना हो.

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आजतक से बातचीत में किसान नेता मनजीत सिंह ने कहा, "हम डब्ल्यूटीओ का विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर आज हजारों ट्रैक्टर लेकर किसान सड़कों पर हैं लेकिन हम आम लोगों को परेशानी में नहीं डालना चाहते. इसलिए हमने रोड के एक किनारे ट्रैक्टर खड़े किए हैं." उन्होंने कहा कि पंजाब का युवा नौकरी की तलाश में विदेश का रुख कर रहा है. जितने कानून बना रहे हैं वह किसानों के खिलाफ बना रहे हैं.

'WTO से बाहर निकलने भारत'

किसान नेता ने कहा, "हम चाहते हैं कि किसानों के पक्ष में सरकार आए लेकिन सरकार किसानों के पक्ष में न रहकर उद्योगपतियों के पक्ष में जा रही है. जब तक WTO से भारत बाहर नहीं आएगा किसान की दशा नहीं सुधरेगी. हम शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे हैं और आज का हमारा 40 किलोमीटर का लंबा ट्रैक्टर मार्च है."

 

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'हर गांव से मार्च में शामिल हुए 15 ट्रैक्टर'

अगर किसान नेताओं की मानें तो उन्होंने कहा अभी तो हमने अपने गांव से कम से कम पांच ट्रैक्टर और बड़े गांव से 15 ट्रैक्टर ही रोड पर मंगवाए हैं. यह सिर्फ सरकार को दिखाने के लिए एक चेतावनी है. अगर हम एक ऐलान कर दें तो रोड पर ट्रैक्टर खड़ी करने के लिए जगह नहीं बचेगी.

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