सूत्रों के मुताबिक, किसानों और सरकार की बातचीत में इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि सरकार ये कोशिश करेगी कि एपीएमसी और सशक्त हो और इसका दायरा ज़्यादा बढ़े. एमएसपी पहले की तरह जारी रहेगी. एमएसपी को और कैसे सशक्त बनाया जाए इसपर विचार किया जा सकता है. आज बैठक किसान संगठनों ने एक शिकायत की यह थी कि किसान की पेमेंट विवाद का निपटारा एसडीएम की अदालत में नहीं होना चाहिए, बल्कि सिविल कोर्ट में होना चाहिए. सरकार इसपर विचार कर सकती है. बैठक में किसान संगठनों ने ये भी कहा जिन व्यापारियों को प्राइवेट मंडियों में व्यापार करने की इजाज़त मिले उनका रजिस्ट्रेशन होना चाहिए, जबकि क़ानून में केवल पैन कार्ड होना अनिवार्य बनाया गया है। सरकार इस पर विचार कर सकती है. किसान संगठनों की मांग पर सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि 1-2 फसलों को एमएसपी में और जोड़ा जाए, जैसे आलू और प्याज़.
कल शुक्रवार सुबह 11 बजे सभी किसान नेताओं की बैठक सिंधु बॉर्डर पर होगी जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी. 5 दिसंबर को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में 2 बजे अगले दौर की बातचीत होगी.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि किसानों को स्थानीय मंडी और देश के खुले बाजार में कहीं भी सबसे अच्छे दाम पर फसल बेचने की आजादी देने वाले कृषि कानून को लेकर ज्यादातर चिंताएं निराधार या राजनीति से प्रेरित हैं.
आज की मीटिंग में किसान नेताओं ने कृषि कानूनों की सभी खामियों को गिनवाया. केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों में 8 मुद्दों पर संशोधन हेतु विचार करने का प्रस्ताव रखा, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया और किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून बनवाने की मांगों पर अडिग रहे. कल सुबह 11 बजे सभी किसान नेताओं की बैठक सिंधु बॉर्डर पर होगी जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी. 5 दिसंबर को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में 2 बजे अगले दौर की बातचीत होगी.
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि हमने सरकार के समक्ष सभी कमियां सूचीबद्ध कीं. उन्हें स्वीकार करना पड़ा कि कमियां हैं और वे संशोधन करेंगे. हमने कहा कि हम संशोधन नहीं चाहते हैं. हम चाहते हैं कि कानून वापस हो. बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि हमने यह भी मांग की कि MSP के लिए कानून बनाया जाना चाहिए.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर संकेत दिए हैं. ऐसा लगता है कि एमएसपी को लेकर उनका रुख ठीक रहेगा. वार्ता ने थोड़ी प्रगति की है. राकेश टिकैत ने कहा कि मुद्दा कानून को वापस लेने का है. मुद्दा केवल एक ही नहीं, बल्कि कई मुद्दों पर चर्चा होगी. किसान चाहते हैं कि कानूनों को वापस लिया जाए. सरकार एमएसपी और अधिनियमों में संशोधन के बारे में बात करना चाहती है.
आजाद किसान संघर्ष समिति के हरजिंदर सिंह टांडा ने कहा कि वार्ता आगे बढ़ रही है. हाफ टाइम में ऐसा लग रहा था कि आज की मीटिंग का कोई नतीजा नहीं निकलेगा, दूसरे हाफ में ऐसा लगा कि सरकार पर किसान आंदोलन का दबाव है.
किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार और किसानों ने अपना पक्ष रखा. किसानों की चिंता जायज है. सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार खुले मन से किसान यूनियन के साथ चर्चा कर रही है. किसानों की 2-3 बिंदुओं पर चिंता है. बैठक सौहार्द्रपूण माहौल में हुई. APMS को सशक्त बनाने के लिए सरकार विचार करेगी.
सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक खत्म हो गई है. दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 12 बजे शुरू हुई ये बैठक करीब साढ़े सात घंटे चली. अब 5 दिसंबर को अगली बैठक होगी.
सूत्रों के मुताबिक, किसानों के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की चिंता जायज है. हम चाहेंगे एमएसपी मजबूत हो. एमएसपी में कोई बदलाव नहीं होगा. SDM कोर्ट की वयवस्था इसलिए थी कि किसानों को सहायता मिले.
कृषि सचिव के बाद अब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान संगठनों के सवालों का जवाब दे रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच 7 घंटे से बैठक जारी है. ये बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही है. बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी को लेकर कोई बदलाव नहीं होगा.
सूत्रों के मुताबिक, किसान संगठनों ने कहा कि जब विज्ञान भवन में बैठक के लिए आते हैं तो हमें चेक पोस्ट पर रोक जाता है. इस पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगली बार से हम आपके लिए पुलिस एस्कॉर्ट भेजेंगे.
सरकार के साथ बैठक में किसान संगठनों ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. किसानों का कहना है कि संसद सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
सूत्रों के मुताबिक, कृषि सचिव कृषि कानूनों को लेकर जो सवाल किसान संगठनों ने उठाए थे उनके जवाब दे रहे हैं. किसान संगठनों ने कहा कि सरकार के साथ मीटिंग में एक बिजनेस ब्रांड का बहुत बार उदाहरण दिया गया. बिहार के किसानों की आज जो हालत है उसके लिए सरकार का ढीला रवैया जिम्मेदार रहा है.
विज्ञान भवन में सरकार और किसान नेताओं की बैठक जारी है. किसान नेताओं के लिए बंगला साहब गुरुद्वारे से चाय और नाश्ता पहुंचा है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैंने तय किया है कि जितनी पैदावार किसान की यहां होगी उतनी खरीद ली जाएगी, लेकिन अगर बाहर से कोई आया, अगल-बगल के राज्यों से बेचने या बेचने का प्रयास भी किया तो उसका ट्रक राजसात करवाकर उसे जे़ल भिजवा दिया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सरकार बताएगी कि निजी मंडी और सरकारी मंडी में क्या फर्क है. इस दौरान किसानों ने मीडिया रिपोर्ट को प्रस्तुत किया. अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया. कहा गया कि सभी कह रहे हैं कि किसानों का बुरा हाल होगा. एक किसान ने कहा कि हमें मालूम है कि सरकार किसानों को मारना चाहती है.
किसान संगठनों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में चल रही बैठक में लंच ब्रेक के बाद किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ जिन बिंदुओ पर सवाल उठाए हैं उन पर अब सरकार जवाब देगी.
गाजीपुर बॉर्डर पर झड़प हो गई है. यहां पर भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं. वे लगातार यहां पर पहुंच रहे हैं और प्रदर्शन से जुड़ रहे हैं.
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल ने अपने पूरे जीवन में किसानों के लिए लड़ाई लड़ी. उन्होंने अवॉर्ड वापस कर सरकार को कड़ा संदेश दिया है. किसानों को इन कानूनों की जरूरत नहीं है.
दोपहर 12 बजे से किसानों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में चर्चा जारी है. किसानों की ओर से लगातार MSP पर अपनी मांग रखी जा रही है, किसानों ने अपनी ओर से दस पन्नों का खाका पकड़ाया है. दोपहर तीन बजे मीटिंग में ब्रेक हुआ है, ऐसे में किसान बाहर आए हैं. बैठक की खास बात ये है कि किसानों ने अपना खाना बाहर से मंगवाया है और सरकार की ओर से पेश कोई भी चीज खाने से इनकार किया है.
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कुल दस पन्नों का खाका सरकार को सौंपा गया है. किसानों की ओर से कृषि सचिव को खाका सौंपा गया, जिसमें 5 मुख्य बिंदु हैं. APMC एक्ट में 17 प्वाइंट पर असहमति है, एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में 8 प्वाइंट पर असहमति है. इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में 12 प्वाइंट पर असहमति है.
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किसानों और सरकार के बीच बातचीत का दौर जारी है. सरकार की ओर से किसानों के मुद्दे पर उनकी दलीलें दी जा रही है, लेकिन किसान नेता भी लगातार अपनी मांगों का जिक्र कर रहे हैं. किसानों की ओर से लगातार MSP पर गारंटी की मांग की जा रही है.
दिल्ली-नोएडा, दिल्ली-गुरुग्राम की सीमा पर लंबा जाम लगा हुआ है, यहां किसानों का प्रदर्शन लगातार हो रहा है. किसानों के प्रदर्शन के बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने किसानों के आंदोलन के मसले पर संसद का सत्र बुलाने की मांग की है.
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दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच की चर्चा शुरू हो गई है. किसानों ने अपनी मांगों को लिखित में सरकार के सामने रखा है, अब हर किसी की नजर इस बैठक पर है.
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का कहना है कि आज किसानों से चौथे दौर की चर्चा हो रही है, उन्हें उम्मीद है कि सकारात्मक नतीजा निकलेगा. आज चर्चा में क्या रास्ता निकलता है, वो कुछ देर में साफ हो जाएगा.
किसानों ने सरकार के सामने जो ड्राफ्ट भेजा है, उसमें इन मुद्दों को उठाया है.
किसानों और सरकार के बीच बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं. किसानों ने एक ड्राफ्ट में कुल आठ मांगों को रखा है, जिसपर मंथन हो रहा है. आज की बैठक में कुल 40 किसान संगठन शामिल होंगे.
किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार को आपत्तियों की लिस्ट सौंप दी गई है. किसानों ने कृषि कानून के साथ-साथ वायु गुणवत्ता अध्यादेश और प्रस्तावित बिजली (संशोधन) बिल को लेकर भी आपत्तियां बताई जताई हैं.
किसानों का आंदोलन जारी है और अब किसान संगठनों ने दो टूक कह दिया कि सरकार को ये कानून वापस लेने ही होंगे. दूसरी ओर सरकार भी किसानों की शिकायतें दूर करने के लिए तैयार है, लेकिन कानून पर टस से मस नहीं होना चाहती है. ऐसे में स्थिति गंभीर होती जा रही है, क्योंकि किसानों का कहना है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो फिर आंदोलन आक्रामक हो जाएगा.
इस बीच अब से कुछ देर में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात होनी है. इस बैठक में किसान आंदोलन पर विस्तार से चर्चा हो सकती है.
किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है और कई किसान नेता बस में सवार होकर सरकार के साथ बैठक के लिए निकल पड़े हैं.
भारतीय किसान यूनियन के किसान राकेश टिकैत का कहना है कि अगर आज सरकार मांगें नहीं मानती है, तो आंदोलन हाथ से बाहर निकल जाएगा. गाजीपुर सीमा पर 12 बजे रणनीति बनाने के लिए पंचायत होगी. सरकार को तुरंत ये कानून वापस लेने होंगे.
किसानों के प्रदर्शन के कारण सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर समेत कई बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है. इसके मुताबिक, गुरुवार को भी नोएडा लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर को बंद रखा गया है. यहां पर गौतम बुद्ध द्वार पर सैकड़ों किसान सड़क जाम करके बैठे हैं.
किसान आंदोलन के लिए आज का दिन बड़ा होने वाला है, जिनपर हर किसी की नज़र है.
09.30 AM: अमित शाह और कैप्टन अमरिंदर की मुलाकात
10.00 AM: भीम आर्मी के चंद्रशेखर सिंधु बॉर्डर पर पहुंचेंगे
12.00 PM: किसानों और सरकार के बीच एक और बातचीत
कृषि कानून के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसानों का प्रदर्शन जारी है और अब इन्हें गुजरात के किसानों का भी समर्थन मिल गया है. दिल्ली में गुजरात से काफी संख्या में किसान पहुंचे हैं.
आज पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात होनी है. दोनों के बीच किसान आंदोलन पर चर्चा हो सकती है. आंदोलनकारी किसानों में बड़ा हिस्सा पंजाब से है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र और पंजाब सीएम के बीच चर्चा से आंदोलन का कोई हल निकल सकता है.
कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों से आज दोपहर 12 बजे सरकार फिर बात करेगी. किसानों की मांग है कि MSP को पक्का किया जाए, मंडी सिस्टम पर धूल के बादल हटाए जाएं वरना संसद का सत्र बुलाकर कानून ही वापस ले लिया जाए. लेकिन सरकार का कहना है कि जल्द ही वो किसानों के साथ समाधान निकाल लेंगे. सरकार कृषि कानून के मसले पर पीछे हटती नहीं दिख रही है.