Advertisement

दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर तक पहुंचे किसान, हरियाणा के सबसे बड़े किसान संगठन ने भी किया आंदोलन का सपोर्ट

पहली बार यूपी की तरफ से भी किसान दिल्ली कूच करने निकले, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक लिया और बस में भरकर ले गई. ये किसान यूपी के गाजियाबाद की तरफ से गैस सिलेंडर और राशन लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे. वहीं हरियाणा के सबसे बड़े किसान संगठन ने भी आंदोलन के समर्थन का ऐलान कर दिया है.

किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं (फाइल फोटो) किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं (फाइल फोटो)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST

किसानों का आंदोलन आज तीसरे दिन भी जारी है. हरियाणा-पंजाब सीमाओं पर बड़ी संख्या में किसान डटे हुए हैं. दिल्ली से सटी हरियाणा और यूपी की सीमाओं पर भी पुलिस का सख्त पहरा है. आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कई लेयर की बैरिकेडिंग कर रखी है. किसानों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए सरकार कई बार की वार्ता कर चुकी है. 

Advertisement

इस बीच गुरुवार को पहली बार यूपी की तरफ से भी किसान दिल्ली कूच करने निकले, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक लिया और बस में भरकर ले गई. ये किसान यूपी के गाजियाबाद की तरफ से गैस सिलेंडर और राशन लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे. वहीं हरियाणा के सबसे बड़े किसान संगठन ने भी आंदोलन के समर्थन का ऐलान कर दिया है.

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान गैस सिलेंडर और राशन लेकर पहुंचे थे

गाजियाबाद एसपी स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि करीब 10 से 12 किसान दिल्ली कूच के लिए निकले थे, लेकिन गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर खड़ी यूपी पुलिस ने इनको हिरासत में ले लिया और बस में भरकर कौशांबी थाने ले गई. इन्हें समझा कर और कानूनी करवाई के बाद छोड़ दिया जाएगा.

BKU चढूनी ने किया आंदोलन का समर्थन 

हरियाणा के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया है. हालांकि संगठन शंभू बॉर्डर तक मार्च नहीं करेगा. संगठन की तरफ से कहा गया है कि हरियाणा में 16 फरवरी को सभी टोल प्लाजा फ्री रखे जाएंगे. दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच हरियाणा के सभी टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा. 17 फरवरी को जिला मुख्यालय में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. वहीं 18 फरवरी को कुरूक्षेत्र में एक बैठक कर सभी किसान संगठनों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की जाएगी. 

Advertisement

क्या हैं किसानों की मांगें?

1. सभी फसलों की खरीद के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए.
2.  डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय की जाए. सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी मिले. 
3. किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए. किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए.
4. 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए.
5. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए.
6. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. आरोपियों की जमानत रद्द की जाए.
7. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.
8. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
9. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए.
10. किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं. 
11. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. फसल बीमा सरकार खुद करे.
12. मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
13. संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement