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Pineapple Farming: अनानास खाने का चलन धीरे-धीरे किसानों के बीच बढ़ रही है. बाजार में भी इसकी कीमत अच्छी-खासी बनी रहती है. हालांकि, देखा गया है कि किसानों के बीच अनानास की खेती करने का चलन अभी ज्यादा नहीं है. हालांकि, किसान भाई अनानास की खेती (Pineapple Farming) से बढ़िया मुनाफा हासिल कर रहे हैं.
अनानास की खेती के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि इसे साल में कई बार किया जा सकता है. किसानों के पास इससे मुनाफा कमाने का अवसर भी अन्य फलों की फसलों के मुकाबले ज्यादा रहता है.विशेषज्ञों के अनुसार इसे गर्म मौसम की फसल माना जाता है. हालांकि, इसकी खेती साल में कभी भी की जा सकती है.
रोगों के खिलाफ फायदेमंद
अनानास में उच्च एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है. इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साधारण ठंड से भी सुरक्षा मिलती है. इसे गठिया रोग में भी इसे लाभकारी माना जाता है.
यहा होती है खेती
इसकी खेती पहले केरल, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, असम, और मिजोरम जैसे राज्यों में पहले होती थी. अब मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तरप्रदेश के किसान भी इसका उत्पादन करने लगे हैं. केरल, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में इसकी खेती 12 महीने की जाती है.
अनानास की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी या रेतीली दोमट भूमि अच्छी होती है. इसके लिए मिट्टी का पी.एच. मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए. वहीं जिन इलाकों में नमी युक्त मध्यम गर्म जलवायु होती है वहां इसकी खेती पूरे बारह महीने की जा सकती है, अन्यथा साल में 2 बार इसकी खेती की जा सकती है.
अनानास के पौधे पर एक ही बार फल लगता है. एक लॉट में सिर्फ एक बार ही पाइनएप्पल प्राप्त किया जा सकता है. इसके बाद दूसरे लॉट के लिए फिर से फसल लगानी होती है.
मुनाफा
बता दें कई तरह के रोगों में अनानास के सेवन के चलते बाजार में इसकी मांग बेहद ज्यादा है. बाजार में यह फल तकरीबन 150 से 200 रुपये प्रति किलो बिक ही जाता है. ऐसे में अगर प्रति हेक्टेयर किसान 30 टन अनानास का भी उत्पादन करें तो लाखों का मुनाफा कमा सकता है