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'उन्हें इसलिए छोड़ा ताकि मुसलमानों के टुकड़े हो...', इंजीनियर राशिद की जमानत पर बोले फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इंजीनियर राशिद को बीजेपी ने छोड़ा है. क्योंकि वो चाहते हैं कि यहां मुसलमानों के टुकड़ो हों. बीजेपी इसमें राशिद के साथ है. इंडियन एयरलाइंस C814 की हाइजैकिंग के दौरान जिन आतंकियों को छोड़ा गया. आज वही आतंकवाद फैला रहे हैं.

फारूक अब्दुल्ला फारूक अब्दुल्ला
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:36 AM IST

जम्मू कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद फिलहाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं. दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने आतंकी फंडिंग मामले में राशिद को दो अक्टूबर 2024 तक अंतरिम जमानत दी है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इंजीनियर राशिद की जमानत पर बड़ा बयान दिया है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इंजीनियर राशिद को बीजेपी ने छोड़ा है. क्योंकि वो चाहते हैं कि यहां मुसलमानों के टुकड़ो हों. बीजेपी इसमें राशिद के साथ है. इंडियन एयरलाइंस C814 की हाइजैकिंग के दौरान जिन आतंकियों को छोड़ा गया. आज वही आतंकवाद फैला रहे हैं. मैंने उस समय भी कहा था कि आतंकियों को मत छोड़ो. लेकिन वे नहीं माने. हम आज उसका नतीजा देख रहे हैं. अभी आगे देखिए क्या-क्या होगा. 

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महबूबा मुफ्ती ने भी इंजीनियर राशिद पर साधा था निशाना

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इंजीनियर राशिद पर निशाना साधते हुए कहा था कि जेल में बंद किसी गरीब व्यक्ति के माता-पिता को उससे मिलने की इजाजत नहीं है, लेकिन दूसरी तरफ, कुछ लोग जेल से चुनाव लड़ रहे हैं, पार्टियां बना रहे हैं, उन्हें वाहन और सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है. जब वे हमारे उम्मीदवार पर हमला करते हैं, तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने नहीं करती. दूसरी ओर चुनाव आयोग हमारे उम्मीदवार को नोटिस भेजता है. इससे आपको जेल के अंदर से चुनाव लड़ने वाले शख्स के बारे में पता चलता है कि वह किसकी तरफ से हैं.

उमर अब्दुल्ला ने भी राशिद की जमानत पर कसा था तंज 

उमर अब्दुल्ला ने भी इंजीनियर राशिद पर निशाना साधते हुए उन्हें बीजेपी का सहयोगी बताया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा था कि जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद को कश्मीर के लोगों से वोट लेने के लिए जमानत दी गई है, न कि उनकी सेवा करने के लिए. उन्होंने कहा कि चुनाव बाद इंजीनियर राशिद को वापस तिहाड़ (जेल) ले जाया जाएगा और उत्तरी कश्मीर के लोग एक बार फिर प्रतिनिधि विहीन हो जाएंगे. 

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी को भाजपा का प्रॉक्सी बताने के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बहुत सतर्क हैं. उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि महबूबा ने खुले तौर पर वह बात कह दी, जिससे बहुत सारे लोग इत्तेफाक रखते हैं.

बता दें कि दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने राशिद को आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने के लिए दी है. हालांकि उन्होंने तीन महीने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी. अभी उनकी नियमित जमानत याचिका पर आदेश अभी लंबित है.

कौन हैं इंजीनियर राशिद?

इंजीनियर रशीद का असली नाम शेख अब्दुल रशीद है. वो जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक हैं. जम्मू-कश्मीर के लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं. यहां से उन्होंने साल 2008 और 2014 में जीत हासिल की थी. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे. 

राशिद ने जेल में रहते हुए ही लोकसभा चुनाव में बारामूला से जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को बड़े अंतर से हराया था. उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरते हुए चुनाव जीता था. अब उनके नेतृत्व वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) आगामी जम्मू-कश्मीर चुनाव लड़ने जा रही है.

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इसी साल 5 जुलाई को अदालत ने राशिद को लोकसभा चुनाव में जीत के बाद शपथ ग्रहण करने के लिए कस्टडी पैरोल दी थी. राशिद 2019 से जेल में हैं, जब उन्हें 2017 के आतंक-फंडिंग मामले में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया था. राशिद दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे. उनका नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित तौर पर वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

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