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ओडिशा रेल हादसाः 21 साल के सूरज की तलाश में भटक रहा पिता, मुर्दाघर के बाहर टूटा सब्र

ओडिशा के बालासोर में दर्दनाक हादसे में अबतक 275 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1175 यात्री घायल हो गए हैं. रेल हादसे के बाद लोग अपनों की तलाश में यहां-वहां भटक रहे हैं. कोई मुर्दाघर के बाहर अपने बेटे की तलाश में खड़ा है तो कोई अपनों के शव देखकर फफक रहा है.

रेल हादसे के बाद अपनों की तलाश में परिजन यहां-वहां भटक रहे हैं रेल हादसे के बाद अपनों की तलाश में परिजन यहां-वहां भटक रहे हैं

ओडिशा के बालासोर में ह्रदयविदारक रेल हादसा हुआ है. बहानागा रेलवे स्टेशन के पास पसरा मंजर इतना भयावह है जिसे देखकर रूह कांप जाए. अपने गंतव्य पर निकले कई लोग अब अनंत यात्रा पर चले गए हैं. हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1175 लोग घायल हैं. ये हादसा कई परिवारों को जिंदगीभर का दर्द दे गया है. जख्म इतने गहरे हैं जो शायद कभी भरे नहीं जा सकेंगे. ट्रेन की बोगियों के परखच्चों के बीच लोग अपनों को खोज रहे हैं. पढ़िए दर्दनाक हादसे की मार्मिक कहानियां..

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मुर्दाघर के बाहर बेटे की तलाश

विजेंद्र ऋषिदेव रविवार की सुबह बहानागा हाईस्कूल में अस्थायी मुर्दाघर के बाहर खड़े थे. उनके चेहरे पर दर्द साफ तौर पर बयां हो रहा था. वह अपने बेटे सूरज की तलाश में बालासोर पहुंचे हैं. हादसे के बाद उनका अपने 21 साल के बेटे से संपर्क टूट गया है. सूरज अपने भाइयों के साथ रोजी-रोटी की तलाश में चेन्नई जाने वाली ट्रेन में सवार था. ये उनकी पहली यात्रा थी. अब सूरज के पिता को पता नहीं है कि सूरज को कहां ढूंढ़ा जाए. 40 वर्षीय विजेंद्र ऋषिदेव पूर्णिया में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. उनके 2 बेटे हैं. दोनों बेटों में सूरज बड़ा था. उसने 10 कक्षा की परीक्षा बिहार बोर्ड से पास की थी. उसने मैट्रिक के लिए दाखिला लिया था, लेकिन अत्यधिक गरीबी में पढ़ाई पूरी कर पाना संभव नहीं था, लिहाजा वह अपने परिवार के जीविकोपार्जन के लिए चेन्नई के लिए निकला था. 

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मुर्दाघर के बाहर लोग अपनों के शव लेने के इंतजार में बैठे हैं


पत्नी, बेटे-बेटी को हादसे में खोया

बालासोर के बिनोद दास ने इस भयावह हादसे में पत्नी झरना दास (42), विष्णुप्रिया दास (24) संदीप दास (21) को इस हादसे में खो दिया है. 48 साल के बिनोद दास ने अपने परिवार के तीन सदस्यों के शवों की पहचान कर ली है. उन्होंने तीनों शवों को बालासोर के NOCCI पार्क से एकत्र कर लिया है. NOCCI पार्क में प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद मुआवजा दिया जा रहा है. मुआवजा राशि मिलने के बाद विनोद दास फूट-फूट कर रोने लगे. यहां रेलवे की ओर से पूछताछ काउंटर बनाया गया है, जहां से मृतकों के परिजनों को मुआवजे का पैसा मिलेगा. दरअसल, रेल मंत्री द्वारा 10 लाख रुपये देने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है. इसमें से 50 हजार नकद और अन्य 9 लाख 50 हजार का चेक दिया जा रहा है. 

नौकरी की तलाश में निकले थे चेन्नई

बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले साहिन आलम (18) को सीधे सोरो सरकारी अस्पताल लाया गया, जो हादसे में घायल हो गया था. उसने बताया कि उनका 10 लोगों का ग्रुप था, जो कि नौकरी के लिए चेन्नई जा रहे थे. मुर्शिदाबाद के ही हैदर शेख (19) का सरकार अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. वह कोरोमंडल एक्सप्रेस के जनरल कोच में सवार थे. हैदर के पैर में चोटें आई थीं और उसका चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया. अब वे अस्पताल में हैं. अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि जिन लोगों का इलाज किया जा रहा है उनमें ज्यादातर आर्थोपेडिक की चोटें हैं. 

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चश्मदीद ने बताया- एक कोच में 60 शव देखे
 
बेहरामपुर निवासी तुकना दास (38) मजदूर हैं. दुर्घटना स्थल के पास एक मंदिर में निर्माण कार्य चल रहा है. ये जगह रेलवे ट्रैक के पास बसी घनी आबादी से थोड़ा दूर है. लेकिन ये मंदिर दुर्घटनाग्रस्त स्थल के सबसे करीब है. शुक्रवार की शाम तुकना दास छत पर थे, तभी उनकी आंखों के सामने हादसा हो गया. उन्होंने कहा, कोरोमंडल एक्सप्रेस सीधे मालगाड़ी में जा घुसी. उन्होंने बताया कि वह बचाव के लिए दौड़े. उन्होंने कहा कि जब वह एक कोच के अंदर गए तो उन्होंने उस कोच में एक साथ 60 लाशें देखीं. उन्होंने और उनके दोस्तों ने कई शवों को बाहर निकाला. 

बेंगलुरु से लौट रहे पिता को इकलौते बेटे का इंतजार

बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले अजोती पासवान रेल हादसे में घायल हो गए हैं. उन्होंने बताया कि वह बेंगलुरु से आ रहे थे, उनके साथ उनकी पत्नी और इकलौता बेटा था, पासवान ने बताया कि पत्नी के बारे में तो पता चल गया है, वह घायल है, लेकिन बेटे के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि अचानक से एक आवाज आई, और गाड़ी पलट गई. चारों तरफ अंधेरा पसर गया. पासवान ने कहा कि वह इसके बाद बेहोश हो गए. जब आंख खुली तो खुद को अस्पताल में पाया. यहां आने के बाद पत्नी के बारे में पता चल गया था. लेकिन बेटा कहां है, कोई पता नहीं है. उन्होंने कहा कि बेटे को लेकर डर लग रहा है. पत्नी को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

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