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कूनो में फिर गूंजी किलकारी... नामीबिया से आई मादा चीता ज्वाला ने 3 शावकों को दिया जन्म

कूनो नेशनल पार्क से आज खुशखबरी आई है. 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाई गई माता चीता ने तीन बच्चों को जन्म दिया. इसके बाद वन विभाग की टीम बेहद खुश नजर आ रही है. इस संबंध में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी दी है.

कूनो में फिर गूंजी किलकारी... नामीबिया से आई मादा चिता ज्वाला ने 3 शावकों को दिया जन्म. कूनो में फिर गूंजी किलकारी... नामीबिया से आई मादा चिता ज्वाला ने 3 शावकों को दिया जन्म.
aajtak.in
  • भोपाल,
  • 23 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:05 AM IST

MP के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क से आज खुशखबरी आई है. 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाई गई माता चीता ने तीन बच्चों को जन्म दिया. इसके बाद वन विभाग की टीम बेहद खुश नजर आ रही है. इस संबंध में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी दी है.

मंत्री भूपेंद्र यादव ने शेयर किया वीडियो

इन नन्हे मेहमानों के इस दुनिया में आने की जानकारी देते हुए उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें चीता के छोटे-छोटे बच्चे अपनी मां से लिपटे हुए नजर आ रहे हैं.

उन्होंने इस वीडियो को शेयर कर लिखा, कूनो नेशनल पार्क से एक और बड़ी खुशखबरी, कूनो के नए शावक!  सितंबर, 2022 में नामीबिया से लाए गए चीते में से एक ज्वाला ने तीन शावकों को जन्म दिया है. इससे पहले चीता आशा ने अपने शावकों को जन्म दिया था.

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वन्यजीव और फ्रंटलाइन वर्क्स को दी बधाई

उन्होंने आगे वन्यजीव की देखभाल करने वालों को बधाई देते हुए कहा कि देश भर के सभी वन्यजीव, फ्रंटलाइन योद्धा और वन्यजीव प्रेमियों को बधाई.

आपको बता दें कि चीता प्रोजेक्ट के तहत 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे, जिसमें मादा चीता ज्वाला और आशा शामिल थी.

भारत में हैं अब इतने चीते

आपको बता दें कि 17 सितंबर 2022 को पीएम मोदी के जन्मदिन पर 8 चीते जो नामीबिया से लाए गए थे. उन्हें छोड़ा गया था और इसके बाद फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से 12 चीते लेकर छोड़े गए, लेकिन इनमे से 6 वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है.

अब 6 शावकों के जन्म के साथ ही देश में कुल चीतों की संख्या 21 हो गई है, जिनमे से 14 वयस्क चीते हैं तो वहीं 7 शावक हैं.

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समिति करेंगी फैसला

पार्क प्रबंधन के मुताबिक, शावकों को अगले कुछ महीनों तक वेटनरी डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा जायेगा. फिलहाल इन्हें कब छोड़ना है इसका फैसला केंद्र सरकार द्वारा बनाई समिति करती है.

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