Advertisement

Fighter Jet Crash: जंगी जहाजों का बिखरा मलबा, उठती लपटें, खेत में बड़ा गड्ढा... डरावना मंजर देख सिहर गए लोग

मध्य प्रदेश के मुरैना में शनिवार को दो लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हो गए. यहां दो फाइटर जेट हवा में टकरा गए. इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई, जबकि दो पायलट घायल हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस हादसे के चश्मदीदों ने प्लेन क्रैश का मंजर बयां क‍िया है कि कैसे आग का गोला आसमान से नीचे गिरा.

मुरैना में IAF के दो लड़ाकू विमान क्रैश मुरैना में IAF के दो लड़ाकू विमान क्रैश
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:06 AM IST

मध्य प्रदेश के मुरैना में शनिवार को इंडियन एयरफोर्स के दो लड़ाकू विमान एक-दूसरे से टकराने के बाद हादसे का शिकार हो गए. आपस में टकराने के बाद फाइटर जेट के दोनों विमान तेज आवाज के साथ आग के गोले की तरह जमीन पर गिरते हुए देखे गए. इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई, जबकि दो पायलट पैराशूटिंग करते हुए झाड़ियों में जा गिरे. इन दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी और रुटीन ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग मिशन पर थे. विमानों का मलबा मुरैना के पहाड़गढ़ और राजस्थान के भरतपुर में जा गिरा. 

Advertisement

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इनमें से एक विमान रूस द्वारा डिजाइन किया गया सुखोई-30MKI और दूसरा फ्रांस द्वारा निर्मित मिराज-2000 था. हादसे के चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने आसमान में धमाके की आवाज सुनी. इसके बाद वे बाहर निकले तो देखा कि काफी ऊंचाई से आग जैसा गोला जमीन पर गिरने जा रहा है. इसी दौरान दो लोगों को गांव के पास स्थित घने जंगल में पैराशूट से उतरते देखा. बाद में पता चला कि दोनों पायलट थे और जंगल में झाड़ी में गिरकर घायल हो गए हैं. इसके बाद लोग वहां पहुंचे और दोनों पायलटों को झाड़ी से निकाला. कुछ देर बाद वायुसेना के हेलिकॉप्टर से उन्हें एयरलिफ्ट किया गया.

अधिकारियों ने बताया कि मिराज विमान के मृत पायलट की पहचान विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी के रूप में हुई है. उन्होंने कहा कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इसके साथ ही सुखोई विमान के दो पायलट बाहर निकलने में कामयाब रहे और उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया. इस हादसे की जानकारी वायु सेना चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी.

Advertisement

जिला मुख्यालय से 75KM दूर गिरा मलबा

विमानों का मलबा मुरैना जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ इलाके में गिरा, जबकि कुछ हिस्सा पड़ोसी राज्य राजस्थान के भरतपुर में भी गिरा. चश्मदीदों के मुताबिक, दोनों विमानों का मलबा पहाड़गढ़ से करीब चार किलोमीटर दूर 500-800 मीटर के क्षेत्र में बिखरा पड़ा था और उसमें आग लग गई थी. जिसके बाद लोगों ने मिट्टी फेंककर दोनों विमानों में लगी आग को बुझाने की कोशिश की. इस हादसे के बाद करीब डेढ़ हजार लोगों मौके पर पहुंच गए थे.

घटना के बारे में सरपंच ने दी जानकारी

पहाड़गढ़ के सरपंच शैलेंद्र शाक्य ने बताया कि जब घटना हुई, उस समय वह लोगों के साथ खड़े थे. आसमान में जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी. इसके बाद आग जैसे गोले नीचे आते दिखाई दिए. जंगल की तरफ दो पैराशूट उतर रहे थे. दोनों के उतरने का 20 मिनट इंतजार किया. दोनों पैराशूट झाड़ियों में गिर गए. मौके पर पहुंचे और दोनों पायलट को झाड़ियों से निकाला और जमीन पर लिटा दिया. कुछ देर में इंडियन एयर फोर्स का एक हेलिकॉप्टर आया और दोनों पायलटों को ग्वालियर ले गया.

शाक्य ने बताया कि हमने देखा कि दो पैराशूट नीचे आ रहे हैं और हमने दोनों के उतरने का 15-20 मिनट तक इंतजार किया. हालांकि वे झाड़ियों में गिर गए और उन्हें चोटें आईं. हमने उन्हें झाड़ियों से बाहर निकाला और जमीन पर लिटा दिया. उसके बाद एक वायुसेना का हेलीकॉप्टर आया और उन्हें ग्वालियर लेकर गया. 

Advertisement


 

पांच किलोमीटर दूर दिखा धुआं तो भागकर पहुंचे और बुझाई आग 

पहाड़गढ़ निवासी वीरू ने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे वह घटनास्थल के पास था. उसने एक विमान को आग की लपटों में घिरा देखा. करीब 5 किलोमीटर दूर एक जगह पर धुआं दिखाई दिया. मौके पर पहुंचे तो देखा कि वहां विमान का मलबा जल रहा है. उसे मिट्टी से बुझाने की कोशिश की. सरपंच ने घटना की जानकारी पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी. 

पक्षी टकराने की बात भी आई सामने 

एक अधिकारी ने कहा, "ये दोनों विमानों की सीधी टक्कर नहीं थी. ऐसा लगता है मानो दोनों विमानों की विंग्स आपस में टकराई थीं." वहीं दूसरे अधिकारी ने बताया, "ये कहना कठिन है कि तकनीकी खराबी की वजह से दोनों विमान टकराए या विमान से पक्षी टकराया या कोई और वजह से ये हादसा हुआ. इस मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है"
 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement