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'कांग्रेस ने घोषणापत्र में ऐसे वादे किए जिन्हें पूरा किया तो...', वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का विपक्ष पर हमला

निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर मैं सिर्फ कर्नाटक का उदाहरण देती हूं. यहां (विधानसभा चुनाव के दौरान) जीतने के लिए उन्होंने बहुत बड़े वादे किए थे. उन घोषणापत्रों ने उन्हें जिताया, लेकिन उन वादों को पूरा करने के लिए आपको बजट की जरूरत है और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने खुद कहा था कि उनके पास विकास के लिए पैसा नहीं है.

निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो) निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 06 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में कई जगहों पर विरोधाभासी बातें हैं. कांग्रेस ऐसे वादे कर रही है, जो अगर पूरे हुए तो बजट में इतना घाटा हो जाएगा कि पैसा ही नहीं बचेगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर मैं सिर्फ कर्नाटक का उदाहरण देती हूं. यहां (विधानसभा चुनाव के दौरान) जीतने के लिए उन्होंने बहुत बड़े वादे किए थे. उन घोषणापत्रों ने उन्हें जिताया, लेकिन उन वादों को पूरा करने के लिए आपको बजट की जरूरत है और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने खुद कहा था कि उनके पास विकास के लिए पैसा नहीं है, जिसके बाद बहुत बड़ा वित्तीय बोझ पड़ा. अगर एक राज्य में उनके (कांग्रेस सरकार) के कारण इतना बड़ा बोझ है, तो क्या ऐसे में देश की जनता को कांग्रेस के घोषणापत्र पर भरोसा करना चाहिए?

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं चाहती हूं कि कर्नाटक सरकार बताए कि मई 2023 में 20,000 करोड़ रुपये की 4 परियोजनाएं क्यों रोक दी गईं? 'जल जीवन मिशन' जो हर घर में पीने का पानी पहुंचा रहा है, उसे क्यों बंद कर दिया गया है?" इस योजना को प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है.

निर्मला ने कहा कि वे चाहते ही नहीं है कि केंद्र की योजनाओं का लाभ उठाया जाए. यही कारण है कि मैं उस टिप्पणी से बहुत हैरान हूं, जो डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने की कि वह पानी की कमी के बावजूद सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे. उन्होंने अपनी खराब योजना को स्वीकार कर लिया है, लेकिन केंद्र सरकार अपने 'जल जीवन मिशन' के साथ-साथ सिंचाई के लिए दी गई सभी प्रतिबद्धताओं को भी जारी रख रही है.

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बता दें कि निर्मला सीतारमण ने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था. उन्होंने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा था कि उनके पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 'उस तरह का जरूरी फंड' नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था.

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