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मणिपुर में हालात सुधारने के लिए केंद्र ने क्या कदम उठाए? वित्त मंत्री ने राज्यसभा में गिनाया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में मणिपुर के बजट पर हुई चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री के मणिपुर नहीं जाने को लेकर सवालों पर पलटवार किया और सूबे में हालात सामान्य बनाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम भी गिनाए.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 3:47 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में मणिपुर के बजट पर हुई चर्चा का जवाब दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर में हालात सामान्य बनाने, समृद्धि लाने के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई और दावा किया कि छिटपुट घटनाओं को छोड़कर सूबे में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है. उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि पूर्वोत्तर के इस संवेदनशील सीमावर्ती राज्य को तेज आर्थिक विकास के लिए वित्त मंत्रालय हर संभव सहयोग करेगा.

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मणिपुर के बजट में विशेष पैकेज का ऐलान नहीं किए जाने को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि ये छह महीने के लिए वोट ऑन अकाउंट बिल है. पूरे वर्ष का बजट नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर नहीं जाने को लेकर विपक्ष के हमलों पर पलटवार करते हुए पीवी नरसिम्हाराव से लेकर इंद्र कुमार गुजराल की अगुवाई वाली केंद्र सरकार तक, मणिपुर में हुई हिंसक घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों और नुकसान के आंकड़े गिनाए. वित्त मंत्री ने कहा कि 1993 में जब 700 से अधिक गांव पूरी तरह से जला दिए गए थे, तब न तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव मणिपुर गए थे और ना ही उनकी सरकार के गृह मंत्री शंकर राव. आईके गुजराल भी मणिपुर नहीं गए थे. 

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर गए थे और चार दिन कैंप किया था. गृह मंत्री ने मणिपुर के कई राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों की समस्याओं को पूरी गंभीरता के साथ सुना. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने भी मणिपुर में 23 दिन कैंप किया. वित्त मंत्री ने मणिपुर को संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि ये हम सबका है. हम सभी को एक-दूसरे का समर्थन करना होगा. उन्होंने हिंसा के दौर के हालात और अब के हालात में आई तब्दीली के साथ ही सदन में केंद्र सरकार की ओर से मणिपुर के हालात सुधारने के लिए उठाए गए कदम भी गिनाए.

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वित्त मंत्री ने कहा कि ब्लॉकेज के कारण पेट्रोल 200 रुपये प्रति लीटर, गैस सिलेंडर की कीमत 2000 रुपये तक पहुंच गई थी. गृह मंत्री मणिपुर गए, कैंप किया. इस पर सीपीएम के सांसद संतोष कुमार ने टिप्पणी की. इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि माननीय सदस्य सीपीएम से हैं. पश्चिम बंगाल ने सबसे खराब हालात सीपीएम की सरकार में देखे. त्रिपुरा सफर करता रहा सीपीएम की सरकार के समय. केरल उबर नहीं पा रहा है सीपीएम के कारण. कम्युनिजम के कारण पश्चिम बंगाल और केरल में उद्योग मृतप्राय हो गए. वित्त मंत्री ने कहा कि हमने 500 करोड़ का फंड बनाया.

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उन्होंने ये भी कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए केंद्र और राज्य ने मिलकर प्रयास किया है. मौत और झड़प की घटनाओं में भारी कमी आई है. लूट के हथियारों की रिकवरी बढ़ी है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर जरूरी वस्तुएं लेकर जाने वाले वाहनों का फ्री मूवमेंट शुरू हो गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि राहत कैंप का संचालन करने के लिए 400 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है. जरूरत हुई तो हम और अधिक सहायता भी देंगे.

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उन्होंने राज्यसभा में ये भी कहा कि राहत कैंप में रहने वाले लोगों को मेंटल और हेल्थ सपोर्ट उपलब्ध कराया जा रहा है. जनता के पेंडिंग मामले शीघ्रता से निपटाए जा रहे हैं. मेजर परियोजनाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है. कानून व्यवस्था में सुधार के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी सुधार हो रहा है. वित्त मंत्री के जवाब के बाद मणिपुर का बजट राज्यसभा से पारित हो गया.

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