
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) का कहना है कि इस बजट में आम लोगों का ध्यान रखा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदेश था कि कोरोना काल में लोगों पर बोझ न बढ़े, इसलिए 2 साल से टैक्स नहीं बढ़ाया गया है. यह लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात है.
दरअसल, देश का मध्य वर्ग एक बार फिर इंतजार करता रह गया. बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे मिडिल क्लास को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से कुछ नहीं मिला है. इस पर जब उनसे पूछा गया कि मिडिल क्लास को टैक्स में छूट क्यों नहीं दी गई? इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली बार प्रधानमंत्री का आदेश था कि घाटा कितना भी क्यों न हो, कोरोना महामारी के समय जनता के ऊपर टैक्स का बोझ नहीं डालना है. पीएम के वही दिशा निर्देश इस बार भी बजट में फॉलो किए गए हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि महामारी के बावजूद सरकार ने जनता से टैक्स के जरिए एक भी पैसा नहीं लिया. यानी महामारी के दौरानमांग और चुनौतियों होने के बावजूद केंद्र सरकार ने टैक्स के जरिए किसी भी तरह की राहत ढूंढने का प्रयास नहीं किया.
'आजतक' के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि विनिवेश को लेकर सरकार की मंशा प्रगतिशील है. योजना के मुताबिक एलआईसी का विनिवेश किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने बताया कि LIC का आईपीओ लाने की पूरी तैयारी है. वहीं, उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
वित्त मंत्री ने प्रस्तावित डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल करेंसी जारी करेगा, अभी के लिए क्रिप्टो और क्रिप्टो संपत्ति क्या हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं हुई. हितधारकों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है. डिजिटल संपत्ति का विवरण परामर्श के बाद आएगा.
वित्त मंत्री के मुताबिक, आरबीआई जो जारी करेगा वह डिजिटल करेंसी कहलाएगी है. इसके बाहर क्रिप्टो वर्ल्ड में मौजूद सभी क्वाइन वर्चुअल असेट्स व्यक्तियों की बनाई गई संपत्ति है और सरकार इसके लेन-देन में होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि हम क्रिप्टो परिसंपत्तियों के हर लेनदेन पर 1% टीडीएस लगाकर नज़र रखेंगे.