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राजभवन में छेड़छाड़ के मामले में कोलकाता पुलिस का एक्शन, 3 अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज

राजभवन में कार्यरत एक संविदा महिला कर्मचारी ने दो मई को राज्यपाल सीवी बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने भी जांच शुरू की थी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजभवन की एक संविदा कर्मचारी महिला ने छेड़छाड़ मामले में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था.

पश्चिम बंगाल का राजभवन पश्चिम बंगाल का राजभवन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST

राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली महिला को कथित तौर पर गलत तरीके से रोकने के आरोप में राजभवन के तीन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजभवन की एक संविदा कर्मचारी महिला ने छेड़छाड़ मामले में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था. इसके बाद हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.

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महिला का आरोप

अधिकारी ने बताया, 'शिकायतकर्ता महिला को 2 मई को गलत तरीके से रोककर राजभवन छोड़ने से रोकने के लिए तीन अधिकारियों को एफआईआर में शामिल किया गया है. हम उस शाम उनकी भूमिका की जांच करेंगे.'

यह भी पढ़ें: यौन शोषण के आरोप में राज्यपाल पर नहीं हो सकती कार्रवाई! WB के गवर्नर ने दिया संविधान के किस हिस्से का हवाला?

2 मई को महिला ने बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की थी. संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है.

राज्यपाल पर आरोप

आपको बता दें कि एक लोकप्रिय शास्त्रीय नृत्यांगना ने बोस के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. नृत्यांगना की शिकायत के अनुसार, वह पिछले साल जून में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नई दिल्ली गई थीं और उस समय वह एक पंचसितारा होटल में रुकी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने होटल में उसका यौन उत्पीड़न किया.

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