
गुजरात के जूनागढ़ जिले में शुक्रवार को दो पुलिस निरीक्षकों और एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) के खिलाफ केरल निवासी एक पीड़ित से उसके बैंक खाते को खाली कराने के लिए 25 लाख रुपये निकालने की कोशिश करने के आरोप में जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था. यहां एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आंतरिक जांच से पता चला कि आरोपियों ने जांच के बहाने लगभग 335 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था और एक खाताधारक से पैसे निकालने की कोशिश की थी, जिसके बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी.
जानकारी के मुताबिक, FIR तब दर्ज की गई जब आंतरिक जांच से पता चला कि आरोपियों ने जांच के बहाने लगभग 335 बैंक खातों को ‘फ्रीज’ कर दिया था और जब एक खाताधारक ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने उनसे पैसे कथित तौर पर ऐंठने की कोशिश की. जूनागढ़ रेंज के महानिरीक्षक (आईजी) नीलेश जजादिया के कार्यालय से निरीक्षक एस. एन. गोहिल द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर, जूनागढ़ ‘बी’ डिवीजन पुलिस ने शहर के पुलिस निरीक्षक तराल भट्ट, जूनागढ़ के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के साइबर अपराध प्रकोष्ठ के निरीक्षक ए. एम. गोहिल और एएसआई दीपक जानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
एफआईआर के मुताबिक, केरल के रहने वाले कार्तिक भंडारी को दिसंबर 2023 में पता चला कि उनका बैंक खाता बैंक ने फ्रीज कर दिया है. बैंक अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यह जूनागढ़ पुलिस के साइबर क्राइम सेल के आदेश पर किया गया था. जब भंडारी ने जूनागढ़ में पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्होंने कुछ दस्तावेज़ और बैंक स्टेटमेंट मांगे. जब मामला अभी भी हल नहीं हुआ, तो उन्होंने 16 जनवरी को जूनागढ़ की यात्रा की और एसओजी कार्यालय में जानी और ए एम गोहिल से संपर्क किया.
जानी ने कथित तौर पर भंडारी को बताया कि खाता फ्रीज कर दिया गया है क्योंकि करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन के बारे में "प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से गुप्त इनपुट मिले थे", और 25 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की. जब भंडारी ने कहा कि वह केवल 3 से 4 लाख रुपये की व्यवस्था कर सकता है, तो जानी ने कथित तौर पर कहा कि अन्य खाताधारकों ने अपने खातों को अनफ्रीज करने के लिए 20 लाख रुपये का भुगतान किया है, और उनके वरिष्ठ अधिकारी 3-4 लाख रुपये पर समझौता नहीं करेंगे.
एफआईआर में कहा गया है कि इंस्पेक्टर ए एम गोहिल ने कथित तौर पर मामले को ईडी को भेजने की धमकी दी.