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आज समंदर में उतरेगा भारत में बना 17ए युद्धपोत, जानिए खासियत

17ए प्रोजेक्ट के तहत ऐसे तीन युद्धपोतों का निर्माण किया जा रहा है जिन्हें दुश्मन की रडार भी ट्रैक नहीं कर सकेंगी. देश में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए सभी एजेंसियां काम कर रही हैं.

indigenous stealth frigate INS Sahyadri indigenous stealth frigate INS Sahyadri
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 14 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST
  • पहला युद्धपोत नौसेना को साल 2023 में मिल सकेगा
  • समंदर में नेवी की बढ़ेगी ताकत
  • कुल तीन स्टील्थ फ्रिगेट का किया जा रहा है निर्माण

समंदर में अब मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट से नौसेना की ताकत बढ़ने जा रही है. प्रोजेक्ट 17 ए के तहत बनाए जा रहे स्टील्थ फ्रिगेट यानी ऐसे युद्धपोत जो दुश्मन की रडार में न आ सकें का जलार्पण सोमवार को होने जा रहा है. इसके बाद भारतीय नौसेना की ताकत में और अधिक इजाफा होने वाला है. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम में 'चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़' जनरल बिपिन रावत के साथ-साथ उनकी पत्नी मधुलिका भी शामिल होने जा रही हैं. ये कार्यक्रम हुगली नदी के किनारे संपन्न होने वाला है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार 17ए प्रोजेक्ट के तहत ऐसे तीन युद्धपोतों का निर्माण किया जा रहा है जिन्हें दुश्मन की रडार भी ट्रैक नहीं कर सकेंगी.

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इन तीन युद्धपोतों का निर्माण रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के द्वारा किया जा रहा है. इस परियोजना के लिए कम्पनी को मिले ठेके का बजट करीब 19,294 करोड़ रुपये है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार सम्भावना जताई जा रही है कि इस प्रोजेक्ट का पहला युद्धपोत नौसेना को साल 2023 में, दूसरा और तीसरा युद्धपोत साल 2024 और 2025 उपलब्ध हो जाएगा.

जानिए इन युद्धपोतों की खासियत

इन युद्धपोतों की खासियत ये होगी कि ये अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होंगे. बराक-8 मिसाइल और हायपरसोनिक ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस ये युद्धपोत पूरी दुनिया में सबसे मंझे हुए युद्धपोतों में शामिल होने जा रहे हैं. अत्यधिक स्वचालित एकीकृत हथियार प्लेटफार्म से युक्त मल्टी रोल वाले पी-17 युद्धपोत भारतीय जलसेना को समुद्र में बाकी देशों के मुकाबले बढ़त दिलाने वाले हैं.

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चीन और पाकिस्तान द्वारा अरब सागर में बनाई जा रही गुटबंदी के खिलाफ भारत को ऐसे युद्धपोतों की आवश्यकता थी जो दुश्मन देश की राडार में भी न आएं और अपना काम भी पूरा कर लें. इन युद्धपोतों की लम्बाई 149 मीटर और क्षमता करीब 6670 टन अनुमानित की जा रही है. इन युद्धपोतों की रफ्तार 28 समुद्री मील प्रति घंटा होगी.

नौसेना के बेड़े में शामिल होने से पहले इन तीनों युद्धपोतों को एक लम्बी प्रक्रिया से गुजरना होगा. इन युद्धपोतों की लम्बाई 149 मीटर और क्षमता करीब 6670 टन अनुमानित की जा रही है. इन युद्धपोतों की रफ्तार 28 समुद्री मील प्रति घंटा होगी. नौसेना के बेड़े में शामिल होने से पहले इन तीनों युद्धपोतों को एक लम्बी प्रक्रिया से गुजरना होगा.

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