
इस साल के नौसेना कमांडरों के सम्मेलन का पहला संस्करण 06 मार्च यानि सोमवार से शुरू होने जा है. यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों को वह मंच प्रदान करता है जिसमें सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा होती है. इसके अलावा यह सम्मलेन नौसेना कमांडरों को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने का भी अवसर देता है. इस वर्ष के सम्मेलन की खास विशेषता यह है कि इसका पहला चरण समुद्र में हो रहा है और पहली बार भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत इसकी मेजबानी करेगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर आईएनएस विक्रांत में नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे.
समुद्र में ताकत दिखाएगी नौसेना
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और भारतीय सेना तथा भारतीय वायु सेना के प्रमुख भी सम्मेलन के दौरान नौसेना के कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे. बातचीत का उद्देश्य देश की रक्षा और भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रति तालमेल और तत्परता के साथ तीन सेवाओं के बीच सामान्य परिचालन माहौल स्थापित करना है. पहले दिन की गतिविधियों के तहत समुद्र में अपनी ताकत दिखाने यानि परिचालन प्रदर्शन की भी योजना है.
अग्निपथ पर दिया जाएगा अपडेट
नौसेनाध्यक्ष अन्य नौसेना कमांडरों के साथ पिछले 6 महीनों के दौरान भारतीय नौसेना द्वारा किए गए प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण गतिविधियों तथा पहलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे. इस दौरान नौसेना कमांडरों को 22 नवंबर को भारतीय नौसेना में लागू की गई 'अग्निपथ योजना' पर अपडेट भी दिया जाएगा.
इसलिए भी है सामरिक महत्व
इस क्षेत्र में मौजूदा भू-रणनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए इस सम्मेलन का महत्व और प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है. भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप पिछले कुछ वर्षों के दौरान नौसेना के परिचालन कार्यों में अहम बदलाव और शानदार वृद्धि देखने को मिली है. सम्मेलन में कमांडर हमारे समुद्री हितों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नौसेना की तैयारी पर भी विचार-विमर्श करेंगे.