
बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल में मॉनसूनी बारिश की वजह से तबाही के मंजर दिख रहे हैं. उत्तर प्रदेश में बारिश कहर बनकर बरस रही है. यूपी के लखीमपुर खीरी के शारदा नदी में उफान आया, जिसके बाद शारदा के पानी ने आस पास के करीब 100 गावों को अपनी चपेट में ले लिया है. लोगों को अपने घर तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.
गांव में कहीं पानी 4 फीट के गहराई पर है तो कहीं 10 फीट गहरा. गांव वालों का सारा काम ठप पड़ा है, खेती तबाह हो गई है, लोग घरों में कैद हैं. यहां रहने वाले दिनेश कुमार बताते हैं कि उनकी मां की तबियत खराब है. बाढ़ की वजह से वह डॉक्टर तक पहुंच पाने में असमर्थ हैं जिसके चलते उनके बेटे 3 किलोमीटर तक पानी में चलकर दवाई लाए हैं. लखीमपुर में शारदा और घाघरा से पानी आता है, जिससे 2.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
नेपाल का पानी यूपी के बाराबंकी में भयानक परेशानी बन गया है. बाराबंकी में सरयू का जलस्तर इस कदर बढ़ा कि आस पास के करीब दो दर्जन गांवों पर कटान का खतरा मंडराने लगा है. जितनी तेजी से कटान बढ़ रहा है उतनी ही तेजी से गांव वालों के दिलों में दहशत भी भर रही है. यही वजह है कि लोग बाढ़ के डर से पलायन कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर में बाढ़ ने तबाही मचा दी है. यहां गांव के गांव बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं. गलियों में नाव चल रही है. लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. यहां शिलाबाती और झूमी नदी ने कहर बरपाया है. झूमी नदी में उफान के चलते यहां आस-पास के कई लकड़ी के पुल बह गए हैं.
पटना में कई गांवों का संपर्क टूटा
बिहार में लगातार हो रही मूसलाधार बरसात ने जीवन पर गंभीर संकट खड़ा कर दिया है. गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण पटना के दियारा इलाके के कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. गंगा में हो रही जल वृद्धि के चलते जिला प्रशासन ने पीपा पुल को बंद कर दिया है जिसके कारण अब दियारा के इलाकों में रहने वाले लोगों को पटना ले जाने के लिए केवल नाव का सहारा बचा है. इसी तरह नाव में चढ़कर ये लोग नदी पार करते हैं. लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं और जरूरत की चीजें जुटा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक मॉनसून के दौरान इस इलाके के लोगों को करीब 3 से 4 महीने शहर से कटकर ही रहना होगा.
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर रास्ता ध्वस्त हो गया और यात्री फंस गए. इसके बाद क्रेन से रास्ते को सही किया गया. दरअसल, बद्रीनाथ के पास कंचनगंगा नाले में इतना तेज उफान आया कि रास्ता पूरी तरह से ध्वस्त हो गया और पांडुकेश्वर के आराध्य देव घंटाकर्ण देवता को लेकर बद्रीनाथ धाम की ओर जा रहे श्रद्धालु फंस गए. आखिरकार इन श्रद्धालुओं को क्रेन मंगवाकर सुरक्षित रास्ता पार कराया गया.
पिथौरागढ़ में बाढ़ का कहर
पिथौरागढ़ में प्रकृति कहर बरपा रही है. मानसून की पहली लहर में ही गौरी नदी में बाढ़ आ गई है और कई इलाकों में भूस्खलन भी हुआ है. मुंशियारी को पिथौरागढ़ और राज्य के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली सभी सड़कें कट गई हैं, जिसकी वजह से लोगों का संपर्क भी बाकी हिस्सों से टूट गया है.
इस दौरान कई ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और फंसे हुए लोगों के लिए हवाई निकासी की योजना बना रहा है.