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गुजरात के शहरों से उत्तराखंड के पहाड़ों तक कुदरत का कोहराम, देखें बारिश की तबाही की तस्वीरें

मानसून की मार का असर मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ों पर भी दिखने लगा है. उत्तराखंड और हिमाचल में कई जगह लैंडस्लाइड की खबर है तो वहीं गुजरात और महाराष्ट्र में हालत बदतर हो चुकी है. दोनों ही राज्यों में 100-100 लोगों के मारे जाने की खबर है.

बाढ़ के बीच एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लोगों को राहत पहुंचा रही है. बाढ़ के बीच एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लोगों को राहत पहुंचा रही है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST
  • नवसारी में बारिश के चलते दिल्ली-मुंबई हाईवे बंद
  • उत्तराखंड और हिमाचल में कई जगह लैंडस्लाइड
  • मध्य प्रदेश में दो युवक पानी के तेज बहाव में बहे

मानसून के शुरुआती चरण में ही बारिश ने पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक कहर बरपाया है जो लगातार जारी है. मानसून की मार का असर मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ों पर भी दिख रहा है. महाराष्ट्र और गुजरात के हालात ज्यादा खराब दिख रहे हैं. महाराष्ट्र के पालघर, पुणे और सतारा के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, नासिक समेत अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में एनडीआरएफ की 14 और एसडीआरएफ की छह टीमें लगाई गई हैं. महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में बाढ़ और बारिश से अब तक 99 लोगों की मौत हो चुकी है.

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वहीं, गुजरात के पांच जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. बारिश और बाढ़ से गुजरात में अब तक 93 लोगों की मौत हो चुकी है. मौसम विभाग ने आज भी गुजरात के नवसारी, डांग, भावनगर, अमरेली, गिर सोमनाथ और जूनागढ के लिए रेड अलर्ट जबकि द्वारिका, पोरबंदर, सूरत, तापी, वलसाड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. 

गिर सोमनाथ में सरस्वती नदी अपने रौद्र रूप में आई

गुजरात के गिर सोमनाथ में मूसलाधार बारिश से सरस्वती नदी अपने रौद्र रूप में आ चुकी है. जिले के सूत्रापाड़ा तहसील में दो दिन की झमाझम बारिश से सोमनाथ नदी में ऐसा उफान आया कि प्राची गांव में स्थित माधव राय मंदिर पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब गया. 10 फीट ऊंचा मोक्ष पीपल का पेड़ भी नदी के सैलाब में डूब गया है. राहत की बात ये है कि सरस्वती नदी में ऊफान से फिलहाल किसी हादसे की खबर नहीं है.

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गुजरात में बारिश से नवसारी के लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग घरों में कैद हैं. बस रेस्क्यू टीम से ही आसरा है. लोगों के सामने घरों में कैद होने की ऐसी मजबूरी इसलिए क्योंकि उनके घरों में पानी घुस चुका है. मदद के लिए पहुंची रेस्क्यू टीम ने कुछ लोगों को जमीन के रास्ते तो कुछ को हेलिकॉप्टर की मदद से बचाया गया. बारिश ने पूरे नवसारीजिले को डूबो दिया है. क्या सड़कें, क्या
घर, क्या मकान और क्या दुकान, सबकुछ सैलाब में डूबा हुआ है.

नवसारी में बारिश के चलते दिल्ली-मुंबई हाईवे बंद

सड़कों पर पानी की वजह से नवसारी में दिल्ली-मुंबई नेशनल हाईवे बंद हो गया है, जिससे लंबा जाम लगा हुआ है. वसलाड में और भी बुरे हाल हैं. शहर में पानी भरा है. लोग सैलाब के बीच सांसें ले रहे हैं. सड़कों पर गाड़ियों की जगह नावें तैर रही हैं.  

वडोदरा में भी मूसलाधार बारिश लगातार हादसों को न्योता दे रही है. वडोदरा से हादसे की एक तस्वीर आई है जहां में बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया कि नेशनल हाईवे से लगी दीवार ढह गई. गुजरात के करीब 8 जिले बाढ़ और बारिश से प्रभावित हैं, जबकि 90 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है लेकिन कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. 

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महाराष्ट्र के अमरावती, नागपुर में बारिश का कहर जारी

महाराष्ट्र में भी बारिश का कहर जारी है. अमरावती के गांधी चौक इलाके में भारी बारिश के चलते महज पांच सेकेंड में एक बिल्डिंग जमींदोज हो गई. मूसलाधार बारिश ने 30-35 साल पुरानी इस दो मंजिला कमर्शिय़ल इमारत को इस कदर खोखला किया कि गुरुवार को ये ताश के पत्ते की तरह गिर गई. गनीमत रही कि इसमें किसी की जान नहीं गई क्योंकि जैसे ही बिल्डिंग का कुछ हिस्सा गिरना शुरू हुआ लोग बिल्डिंग से बाहर निकल गए थे.

नागपुर में बारिश का कहर जारी है. यहां के एक होटल के किचन एरिया में भरे बारिश के पानी से नुकसान की भयावह तस्वीरें सामने आई हैं. होटल के किचन में खाना बन रहा था, तभी होटल की दीवार गिर जाती है. दीवार गिरते ही होटल के किचनकर्मियों में अफरातफरी मच गई. हादसे में एक शख्स जख्मी हुआ है. बताया जाता है कि मूसलाधार बारिश से होटल की दीवार कमजोर हो गई थी.

जब मूसलाधार बारिश होती है तो इस तरह के हादसों को टालना काफी मुश्किल हो जाता है. दो दिन से लगातार हो रही बारिश से भिवंडी के बाजार की दुकानों में पानी भर गया है. हाल ये है कि सीवर का पानी ओवर फ्लो होकर सड़कों में बहने लगा है.

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चंद्रपुर में भारी बारिश के चलते सबकुछ डूबा

चंद्रपुर में भी बारिश से सबकुछ डूबा है. बारिश का पानी बाढ़ की शक्ल में यहां के लोगों पर मुसीबत बनकर टूटा है. एनडीआरएफ कर्मी बाढ़ में फंसे लोगों के लिए देवदूत बन गए हैं. यहां एनडीआरएफ के जवानों ने कल एक-एक कर करीब 600 लोगों को संकट से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है. चंद्रपुर में लगातार 6 दिनों की बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. इराई डैम के सातों दरवाजे डेढ़ मीटर से खोल दिए गए जिससे कई और इलाके बाढ़ की जद में आ गए है. 

पालघर में वैतरणा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. डर है कि कहीं ये बेकाबू होकर आसपास के इलाके में ना घुस आए. उधर, रत्नागिरी में समुद्र का शोर भी डराने लगा है. यहां लहरें उफान मार रही हैं. 

मध्य प्रदेश में दो युवक पानी के तेज बहाव में बहे

मध्य प्रदेश के छिंदवाडा में पांढुर्ना नदी में उफान है. बड़ी तादाद में लोग नदी की लहरें देखने के लिए जुट रहे हैं. इसी दौरान अशोक जगताप नाम का एक शख्स वहां पहुंचा था. अचानक पैर फिसलने से अशोक पानी की लहरों में बह गया. इसी तरह का हादसा छिंदवाड़ा के कोपरावाड़ी कला में हुआ. 28 साल का युवक लीलाधर जाम नदी के पुल पार करते वक्त तेज बहाव में बह गया जिसकी की तलाश की जा रही है.

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तेलंगाना के वारंगल स्थित गुरिजाला गांव में भी एक बाइक सवार पानी की तेज लहरों के बीच फंस गया. हालांकि वहां ग्रामीणों की मदद से युवक को बचा लिया गया. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कई इलाके इन दिनों बारिश और बाढ़ का सामना कर रहे हैं. पूर्वी गोदावरी में एनडीआरएफ के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर कई लोगों को निचले इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया है. 

मानसून की मार का असर मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ों पर भी दिखने लगा है. हिमाचल के मंडी में व्यास नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. मंडी में बारिश का पानी हनुमान घाट तक पहुंच गया है. लगातार हो रही तेज बारिश के बाद अब शहर समंदर की शक्ल में बदलने लगा है. सडकें पानी में डूब चुकी है घरों में पानी भर गया है. पानी अपने साथ सबकुछ बहा ले जाने को आतुर दिख रही है. 

उत्तराखंड और हिमाचल में कई जगह लैंडस्लाइड

एक तरफ को पानी कहर बरपा रही है तो दूसरी तरफ भूस्खलन से लोगों की आफत और ज्यादा बढ़ रही है. मंडी के विक्टोरिया पुल पर गुरुवार देर शाम पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर एक कार के ऊपर जा गिरा. शुक्र है कि कार में उस वक्त कोई मौजूद नहीं था. बारिश में हिमाचल में इस तरह के हादसे आम हैं.

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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगातार हो रही बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बारिश की वजह से जगह जगह लैंडस्लाइड हो रहा है, जिसके कारण कई सड़कें बंद हो गई है. जिले में कुल 16 सड़कें ऐसी हैं जो पूरी तरह से बंद हो चुकी है. सड़कों पर गिरे बड़े-बड़े पत्थरों को जेसीबी की मदद से हटाने का काम चल रहा है. स्थानीय स्तर पर भी मदद की जा रही है. जिला मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क टूट गया है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर लोग जान हथेली पर रखकर नदी-नाले पार करने को मजबूर हैं. 

 

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