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कोरोना पर विदेशों से जो मदद मिल रही, उसे राज्यों तक ऐेसे पहुंचा रही केंद्र सरकार

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेकाबू हो चली है. ऐसे में भारत की मदद के लिए दूसरे देश आगे आए हैं. विदेशों से जो सामान आ रहा है, उसे राज्यों तक कैसे पहुंचाया जाएगा? इस पर अब सरकार ने जवाब दिया है.

विदेशों से लगातार मदद आ रही है (फाइल फोटो-PTI) विदेशों से लगातार मदद आ रही है (फाइल फोटो-PTI)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2021,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST
  • इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी रिसीव करती है सामान
  • उसे राज्यों तक HLL लाइफकेयर पहुंचाती है

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेकाबू हो चली है. अप्रैल के आखिरी दो हफ्तों में जब संक्रमण ने रफ्तार पकड़ी तो मुश्किल वक्त में भारत का साथ देने के लिए दुनिया आगे आ गई. विवाद हो रहा है कि विदेशों से जो मदद आ रही है, उसे राज्यों तक नहीं पहुंचाया जा रहा है. हालांकि, अब केंद्र सरकार ने बताया कि विदेशों से जो भी मदद मिल रही है, उसे राज्यों तक कैसे पहुंचा रही है सरकार?

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सरकार ने बताया कि विदेश मंत्रालय या विदेश की तरफ से जो भी सामान आ रहा है, उसे इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी रिसीव कर रही है. सरकार के मुताबिक, सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी एक सर्टिफिकेट जारी करती है, ताकि सारा जरूरी सामान बिना किसी देरी के पहुंचाया जा सके. जरूरी सामान को बांटने का काम HLL लाइफकेयर लिमिटेड करता है. HLL लाइफकेयर लिमिटेड इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी का कस्टम एजेंट और स्वास्थ्य मंत्रालय के डिस्ट्रीब्यूटर्स के तौर पर काम कर रहा है. अगर कोई सामान मिलिट्री एयरपोर्ट पर आता है तो ऐसे में डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स HLL की मदद करता है.

सरकार के मुताबिक, विदेशों से जो भी मदद मिल रही है, वो पहले उन राज्यों में पहुंचाई जाती है, जहां एक्टिव केस की संख्या ज्यादा है. क्योंकि इन राज्यों को दवाओं और डिवाइस की ज्यादा जरूरत है. सरकार की मानें तो अब तक 24 अलग-अलग कैटेगरी के करीब 40 लाख आइटम्स अलग-अलग राज्यों की 86 संस्थाओं तक भेजे जा चुके हैं. इन कैटेगरी में BiPAP मशीन, ऑक्सीजन (ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, ऑक्सीजन सिलेंडर्स, पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्, पल्स ऑक्सीमीटर), दवाएं (फ्लेवीपारीविर और रेमडेसिविर), पीपीई किट (एन-95 मास्क, गाउन) शामिल हैं. सरकार का दावा है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मदद पहुंचाई गई है और पहुंचाई जा रही है.

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