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विदेशी व्लॉगर ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, पुलिस बोली हमें नहीं मिली कोई शिकायत  

'क्वेश्चनेबल मूमेंट्स एट त्रिशूर पूरम' शीर्षक वाले वीडियो में कीनन यह कह रही हैं कि 50 साल के एक व्यक्ति ने उसका यौन उत्पीड़न किया. व्लॉगर को उसे धक्का देकर दूर करना पड़ा. इस बीच केरल पुलिस ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है. हालांकि, वीडियो में एक आरोपी व्यक्ति की पहचान कर ली गई है.

विदेशी व्लॉगर ने यह वीडियो पोस्ट कर आपबीती शेयर की है. विदेशी व्लॉगर ने यह वीडियो पोस्ट कर आपबीती शेयर की है.
aajtak.in
  • त्रिशूर,
  • 25 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 9:09 PM IST

अपने वायरल यात्रा वीडियो के लिए जाने-पहचाने एक विदेशी व्लॉगर जोड़े ने आरोप लगाया है कि भारत में उनके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है. उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह केरल में हुए प्रतिष्ठित त्रिशूर पूरम के दौरान उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.

अमेरिकी-इंग्लिश व्लॉगर जोड़ी मैकेंज़ी और कीनन ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया है. इसमें एक आदमी मैकेंजी से बात करने के बाद उसे जबरदस्ती चूमने की कोशिश करते हुए दिख रहा है. बताते चलें कि हाई-ऑक्टेन त्रिशूर पूरम 19 अप्रैल को केरल में आयोजित किया गया था.

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'क्वेश्चनेबल मूमेंट्स एट त्रिशूर पूरम' शीर्षक वाले वीडियो में कीनन यह कह रही हैं कि 50 साल के एक व्यक्ति ने उसका यौन उत्पीड़न किया. व्लॉगर को उसे धक्का देकर दूर करना पड़ा. 

पुलिस बोली- नहीं मिली शिकायत 

इस बीच केरल पुलिस ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है. हालांकि, वीडियो में एक आरोपी व्यक्ति की पहचान कर ली गई है. वीडियो में जोड़े ने कहा कि वहां के लोग थोड़े डरपोक थे. वीडियो में व्लॉगर ने बताया कि उन्होंने त्रिशूर पूरम में बहुत अच्छा समय बिताया.

वीडियो में एक व्यक्ति को दिखाया गया है, जिसका मैकेंजी ने अपने सोशल मीडिया पेज के लिए इंटरव्यू किया था. वह शख्स उसे जबरदस्ती चूमने का प्रयास कर रहा था और मैकेंजी उसे दूर धकेल रही थी. 

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सैकड़ों साल पुरानी है परंपरा

बताते चलें कि त्रिशूर पुरम केरल में मलयालम माह मेदोम (अप्रैल-मई) के दौरान मनाया जाने वाला उत्सव है. पूरम में त्रिशूर और इसके आसपास के दस मंदिर शामिल होते हैं तथा त्रिशूर पूरम को अन्य सभी त्योहारों से ऊपर माना जाता है. इसकी शुरुआत साल 1790-1805 के बीच कोचीन के महाराजा रहे राम वर्मा ने की थी. यह उत्सव वडक्कुनाथन मंदिर पर केंद्रित है, जहां भगवान शिव को श्रद्धा अर्पित करने के लिए जुलूस निकलता है. सैकड़ों साल से यह परंपरा बदस्तूर चल रही है. 

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