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Maharashtra: 100 करोड़ में राज्यसभा सीट, राज्यपाल बनाने का वादा, CBI ने 4 को किया गिरफ्तार

सीबीआई ने फर्जीवाड़ा करने वाले एक गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह लोगों से राज्यसभा सीट दिलाने और राज्यपाल बनाने का वादा करता था. इसके बाद गिरोह के सदस्य व्यक्ति से 100 करोड़ रुपए की मांग करते थे.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
मुनीष पांडे
  • मुंबई/नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST
  • महाराष्ट्र और कर्नाटक से हुई गिरफ्तारी
  • आरोपी रसूखदार पद का देते थे लालच

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (CBI) ने 4 लोगों को फर्जीवाड़े के एक सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार किया है. ये चारों आरोपी 100 करोड़ रुपए के एवज में राज्यसभा की सीट दिलाने और राज्यपाल बनाने का वादा कर रहे थे. आरोपियों की गिरफ्तारी महाराष्ट्र और कर्नाटक से हुई है.

सीबीआई की गिरफ्त में तीन आरोपियों के नाम कमलाकर प्रेमकुमार बांदगर, रवींद्र विट्ठल नाइक, महेंद्र पाल अरोड़ा हैं. वहीं एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है. ये चारों राज्यसभा सीट, गवर्नरशिप और ऐसे अन्य पदों का आश्वासन देने के नाम पर लोगों को धोखा देने दे रहे थे.

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बता दें कि हाल ही में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मलाड के एक गोदाम पर छापा मारकर देशभर में नए एंड्राइड फोन और एपल जैसे फोन बेचने के नाम पर स्क्रैप में जा चुके पुराने फोन की सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था. 

यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महंगे फोन को सस्ते में बेचने का विज्ञापन देकर ग्राहकों को फंसाता था. जब कोई ग्राहक मोबाइल लेने के लिए विज्ञापन लिंक पर क्लिक कर फॉर्म भरता था, उसी वक्त उसे मुंबई से कॉल पहुंचता था कि आपको यह मोबाइल आपके पते पर कैश ऑन डिलीवरी मिल जाएगा.

पुलिस ने बताया कि ठगी करने वाले इस गिरोह के सदस्य ग्राहक को नए मोबाइल की जगह पुराने जमाने का सस्ता मोबाइल पैक करके भेज देते थे या आलू और पत्थर भी भर देते थे. यह लोग ऐसे ग्राहक को निशाना बनाते थे, जो मुंबई के बाहर रहते हों. ज्यादातर ग्राहक दिल्ली, यूपी और बिहार, त्रिपुरा, झारखंड के होते थे, जिनको फंसाकर ठगी की जाती थी.

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क्राइम ब्रांच ने अन्य राज्यों से मिलने वाली इस तरह की ठगी की शिकायतों के बाद इन्वेस्टिगेशन शुरू की और मलाड के एक गोदाम पर छापेमारी की थी. टीम ने देखा तो गोदाम में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. वहीं से पुराने मोबाइल को नए डिब्बों में पैकिंग और सप्लाई की जा रही थी.

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