Advertisement

CBI के पूर्व निदेशक बोले- बाबरी मस्जिद केस में कोर्ट के फैसले से उनका दावा सही साबित

पूर्व सीबीआई निदेशक पी.सी. शर्मा ने बुधवार को कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी 32 अभियुक्तों को बरी करना तत्कालीन उप प्रधानमंत्री एल.के. आडवाणी के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप खत्म करने के उनके फैसले की पुष्टि है.

वरिष्ठ बीजेपी नेता एल.के. आडवाणी (फोटो-Getty Images) वरिष्ठ बीजेपी नेता एल.के. आडवाणी (फोटो-Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:24 AM IST
  • आडवाणी के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का विरोध
  • कोर्ट में बताया था कि आडवाणी के खिलाफ नहीं बनता केस
  • 'कोर्ट का फैसला उन सभी आरोपों का जवाब'

पूर्व सीबीआई निदेशक पी.सी. शर्मा ने बुधवार को कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी 32 अभियुक्तों को बरी करना तत्कालीन उप प्रधानमंत्री एल.के. आडवाणी के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप खत्म करने के उनके फैसले की पुष्टि है. 

पीसी शर्मा ने कहा, 'अदालत के फैसले से वही बात साबित हुई है जिसका मैंने लगभग दो दशक पहले दावा किया था कि कोई आपराधिक साजिश नहीं हुई थी.' समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पीसी शर्मा ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान - पहले सीबीआई के एक कार्यवाहक निदेशक के रूप में और बाद में सीबीआई प्रमुख के रूप में दो साल के कार्यकाल के दौरान वह मामले के हर पहलू से गुजरे और इस नतीजे पर पहुंचे कि आडवाणी पर आपराधिक षड्यंत्र का आरोप नहीं लगाया जा सकता.

Advertisement

80 साल के पीसी शर्मा ने कहा, 'इस मामले में उस समय सीबीआई ने 2003 में रायबरेली की कोर्ट को अपने फैसले से अवगत कराया था. लेकिन तब सीबीआई पर ही सवाल किए गए.' उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि आज का फैसला उन सभी आरोपों का जवाब है और मामला अपनी अंतिम स्थिति तक पहुंच गया है."

बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया. विशेष अदालत के जज एस के यादव ने अपने फैसले में कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी.

Advertisement

विशेष सीबीआई अदालत के जज एसके यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था. हालांकि वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान अलग-अलग वजहों से कोर्ट में हाजिर नहीं हो सके.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement