
देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और मौजूदा राज्यसभा सदस्य जस्टिस रंजन गोगोई ने अपनी आत्मकथा 'जस्टिस फॉर द जज' में कई खुलासे किए हैं.
गुवाहाटी हाईकोर्ट में जज के रूप में अपनी यादों को साझा करते हुए जस्टिस गोगोई ने किताब में लिखा है कि एक बार तो मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उनसे मुलाकात कर अपनी सरकार के अनुकूल फैसला देने की अपील भी कर डाली थी.
गोगोई ने लिखा है कि 2004-05 की बात है. तब असम में तरुण गोगोई सरकार ने छह हजार पुलिस कर्मियों की नियुक्ति का फैसला लिया था, लेकिन उस पर आपत्ति जताते हुए कई याचिकाएं गुवाहाटी हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं. उस समय राज्य सरकार ने तय किया था कि हर जिले में एक तय संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. पूरी मुहिम में कोई छह हजार सिपाहियों की भर्ती होनी थी.
इसी दौरान भर्ती प्रक्रिया को गुवाहाटी हाई कोर्ट में चुनौती देने कई याचिकाएं दाखिल हुई. सुनवाई के लिए ये सभी याचिकाएं जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ के सामने सूचीबद्ध हुई.
जस्टिस गोगोई ने लिखा है 'जब याचिकाएं लंबित थीं तभी एक अजीब घटना हुई. मेरी मां तब करीब 70 साल की थीं और डिब्रूगढ़ में हमारे पुश्तैनी घर में रहती थीं. उनके पास एक दिन शाम को टेलीफोन कॉल आई जिसमें मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मेरी मां से दरख्वास्त की कि वो उनसे गुवाहाटी में मिलना चाहते हैं. मां ने मुझे सारा वाकया बताया और पूछा कि क्या करें. मैंने भी हल्के-फुल्के अंदाज में कह दिया कि सीएम साहब आपसे मिलना चाहते हैं. ये तो सम्मान की बात है. इनकार नहीं करना चाहिए. इसके बाद माताजी के लिए अगले दिन डिब्रूगढ़ से गुवाहाटी की हवाई टिकट बुक करा दी गई ताकि वो मुख्यमंत्री आवास पर उनसे मुलाकात कर सकें.'
किताब में आगे लिखा गया है, 'मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कुछ मिनटों में ही मुलाकात के मकसद का खुलासा किया. तरुण गोगोई ने मेरी मां से कहा कि वो अपने बेटे यानी मुझसे सिपाही भर्ती मामलों में सरकार के अनुकूल ऑर्डर के लिए कहें.
किताब में गोगोई ने लिखा है, उन्होंने (राज्य सरकार) ने कहा कि ऑर्डर में कहा जाए कि सरकार ने सिपाहियों की नियुक्ति के लिए चयन के जो मानदंड और प्रक्रिया तय की है वो बिल्कुल सही है, लेकिन मेरी मां का असहज रुख देखने के बाद तरुण गोगोई को कुछ आभास हुआ तो उन्होंने मां से कहा कि हालांकि वो कोर्ट की आजादी के समर्थक हैं लेकिन अपने साथी मंत्रियों के दवाब देने की वजह से ये बातें उन्होंने कही है.'
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