
ICICI बैंक और Videocon लोन फ्रॉड केस में ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत मिल गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनों को जमानत देते हुए कहा कि इनकी गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है. दरअसल, सीबीआई ने लोन फ्रॉड मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को चंदा कोचर और उनके पति को सीबीआई हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने उन्हें 1 लाख के मुचलके पर जमानत दी है. उधर, सीबीआई सूत्रों ने आज तक को बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एजेंसी सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी.
दिसंबर 2022 में किया था गिरफ्तार
वीडियोकॉन को लोन मामले में सीबीआई ने दिसंबर 2022 में बड़ा एक्शन लेते हुए ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था.
जानकारी के मुताबिक 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था. जो बाद में एनपीए हो गया और बाद में इसे "बैंक फ्रॉड" कहा गया. सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. दरअसल, 2012 में, चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया और छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50% हिस्सेदारी है.
शेयर होल्डर ने की थी शिकायत
ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक पत्र लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसमें दावा है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी 'नूपावर' में अपना पैसा निवेश किया.