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जहांगीरपुरी जैसी हिंसा-दंगे कैसे रोके जाएं, किरण बेदी ने दिए ये 7 सुझाव

दिल्ली में जहांगीरपुरी में फैली हिंसा को लेकर पुलिस ने बताया था कि यहां जुलूस निकालने की अनुमति नहीं ली गई थी. हालांकि, पुलिस ने अपनी एफआईआर में कहा है कि जुलूस शांतिपूर्ण था, हालांकि, कुछ लोगों ने जुलूस के दौरान लोगों को उकसाया, जिसके चलते ये हिंसा हुई. 

किरण बेदी ने दंगे रोकने के लिए कुछ दिए सुझाव (फाइल फोटो) किरण बेदी ने दंगे रोकने के लिए कुछ दिए सुझाव (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST
  • रामनवमी और हनुमान जयंती पर देश के कई हिस्सों में फैली हिंसा
  • दिल्ली के जहांगीरपुरी में भी हुई हिंसा

देश के तमाम हिस्सों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर हिंसा और दंगों की खबरें आई हैं. दिल्ली में हनुमान जयंती पर जहांगीरपुरी में हिंसा फैली थी. इस हिंसा में 8 पुलिसकर्मी समेत 9 लोग जख्मी हुए हैं. पुलिस ने अब तक इस मामले में 25 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. इन सबके बीच पूर्व आईपीएस और पुडुचेरी की पूर्व एलजी किरण बेदी ने दंगे रोकने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. 

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1- किरण बेदी के मुताबिक, किसी भी संकरे और संवेदनशील इलाके में जुलूस निकालने और अनुमति देने से पहले 'क्या करें और क्या न करें', इसका सख्त पालन होना चाहिए. ताकि सुरक्षित रखने और शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्रों के लोगों को भी जिम्मेदार बनाया जा सके. 

2- 'जुलूस में क्षेत्र के बाजार संघ या महिला कमेटियों समेत सम्माननीय लोगों को अभिभावक के तौर पर काम करने के लिए प्रेरित किया जाए. महिलाएं भी शांति सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं.'

3- इन क्षेत्रों में रहने वाले जिन लोगों ने पहले अपराध किया है, उनपर नजर रखी जाए और कानून के तहत कड़ी जांच के तहत लाया जाए. शांति बनाए रखने के लिए ऐसे व्यक्तियों से पीस बॉन्ड भराया जाए. 
 
4- 'छतों की तलाशी की जाए, ताकि ज्वलनशील सामग्री या ईंट-पत्थर न मिले. नगर निकाय से सफाई करवाई जाए.'

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5- 'इन इलाकों में किसी भी व्यक्ति पर अगर लाइसेंस वाले हथियार हैं, तो वे जमा करवाए जाएं.'

6- 'व्यवस्थित पुलिस व्यवस्था की जाए. महिला पीस कमेटी द्वारा महिलाओं को शामिल किया जाए. इसके अलावा जुलूस से पहले पुलिस स्थानीय लोगों के साथ बैठक करे.' 

7- 'सर्वे कराया जाए कि सभी सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं या नहीं  इसके अलावा संबंधित लोगों को लिखित कानूनी निर्देश दिया जाए कि वे रिकॉर्डिंग बनाए रखें,  खुफिया इनपुट के आधार पर उनका इस्तेमाल किया जा सके.'

 

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