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UP: पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर 2024 में बलिया से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, बताई वजह

Amitabh Thakur News: अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उन्होंने सांस्कृतिक विशेषताओं के कारण बलिया जिले को चुना है और चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि बलिया को 'बागी बलिया' (क्रांतिकारी बलिया) के रूप में जाना जाता है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल 23 मार्च को ठाकुर को 'लोकहित' में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल 23 मार्च को ठाकुर को 'लोकहित' में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी.
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 27 जून 2022,
  • अपडेटेड 9:19 AM IST
  • ठाकुर ने योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था
  • रेप के आरोपी को बचाने के मामले में हाल ही में मिली जमानत

उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने रविवार को बलिया लोकसभा सीट से 2024 में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वह अपनी अधिकार पार्टी से चुनाव लड़ेंगे. ठाकुर को सालभर पहले ही योगी सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी थी. बाद में रेप के आरोपी को बचाने के मामले में ठाकुर को जेल भेजा गया था. 

इससे पहले ठाकुर ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. हालांकि, तब वह जेल में थे. ठाकुर को 6 माह बाद जमानत मिली थी.

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अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उन्होंने सांस्कृतिक विशेषताओं के कारण बलिया जिले को चुना है और चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि बलिया को 'बागी बलिया' (क्रांतिकारी बलिया) के रूप में जाना जाता है. स्वतंत्रता संग्राम में विशेष रूप से 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में यहां का बड़ा योगदान था. बलिया के चित्तू पांडे ने स्वतंत्रता आंदोलन की अगुवाई की थी. पूर्व आईपीएस अधिकारी ठाकुर ने कहा कि वह 'पूरी ताकत और समर्पण' के साथ एक बेहतर समाज के लिए लड़ेंगे.

चुनाव आयोग में पंजीकृत होने की प्रक्रिया में अधिकार सेना

एक दिन पहले ही अमिताभ ठाकुर ने राजनीतिक दल अधिकार सेना के गठन की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि राजनीतिक बदलाव के लिए इस पार्टी का गठन किया है. उन्होंने कहा कि अधिकार सेना का प्राथमिक उद्देश्य यह भावना और अवधारणा पैदा करना है कि सभी शक्तियां (अधिकार) और प्राधिकरण भारत के नागरिक में निहित हैं. अमिताभ ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग में पंजीकृत होने की प्रक्रिया में है. इससे पहले अमिताभ ने अगस्त 2021 में इस पार्टी की शुरुआत की घोषणा की थी. बाद में उनकी गिरफ्तारी और जेल में बंद रहने की वजह से पूरी प्रक्रिया नहीं हो पाई थी.

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बीते साल अगस्त में जेल भेजे गए थे ठाकुर

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल 23 मार्च को ठाकुर को 'लोकहित' में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी. मंत्रालय ने एक आदेश में कहा था कि ठाकुर को 'सेवा के शेष कार्यकाल के लिए बनाए रखने के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया.' ठाकुर का 2028 तक सेवाकाल था. वहीं, पिछले साल अगस्त में लखनऊ पुलिस ने ठाकुर को रेप पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

सुर्खियों में रहते अमिताभ ठाकुर

अगस्त 2021 में अमिताभ ठाकुर को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उन पर वाराणसी की लड़की को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था. इस मामले में पिछले दिनों ही हाई कोर्ट से अमिताभ ठाकुर को जमानत मिली थी. ठाकुर पर बलात्कार के आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने और पीड़िता के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रच उसे खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है. इसी मामले में हजरतगंज पुलिस ने 27 अगस्त 2021 को अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

जेल से बाहर आने के बाद अमिताभ ठाकुर ने अपने घर पर फिर से नई नेम प्लेट लगाई है. इस नेम प्लेट पर अमिताभ ठाकुर ने 'जबरिया जेल' भी जोड़ दिया है. उन्होंने जबरिया जेल के नीचे भी जबरिया लिखकर प्रश्नवाचक चिह्न लगाया है. अमिताभ ठाकुर ने इस संबंध में कहा कि जिस तरह से मेरे साथ सबकुछ जबरिया हुआ. जबरिया रिटायर किया गया, जबरिया जेल गया, जबरिया तमाम घटनाएं हुईं तो आगे जो कुछ होगा, जबरिया ही होगा.

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हाल ही में अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी पाया गया है, जिसकी जानकारी तब हुई जब वह खुद रिन्यूवल  के लिए लखनऊ आरटीओ ऑफिस पहुंचीं. हालांकि लाइसेंस पहले आगरा में पोस्टिंग के द्वारा बनवाया गया था. अब पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर आरटीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग करेंगे.

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