Advertisement

इद्दत मामले में बरी हुए पूर्व पीएम इमरान खान और बुशरा बीबी, पाकिस्तान की अदालत ने दिया रिहाई का आदेश

पीटीआई के संस्थापक और बुशरा को साल की शुरुआत में फरवरी में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही दोनों को 500,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. दरअसल, एक ट्रायल कोर्ट ने उनके निकाह को धोखाधड़ी बताया था. असल में बुशरा के पूर्व पति खावर मेनका ने इसके खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी. 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी। (फाइल फोटो) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी। (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:40 PM IST

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को शनिवार को एक अदालत ने बड़ी राहत दी. पाकिस्तान की अदालत ने गैर-इस्लामिक विवाह मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को बरी करते हुए राहत दी है. अदालत ने कहा कि अगर पीटीआई के संस्थापक और उनकी पत्नी अगर किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. जिला और सत्र अदालत ने शनिवार को इद्दत मामले (गैर-इस्लामिक निकाह मामला) में उनकी सजा को रद्द करने की उनकी याचिका स्वीकार कर ली. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुहम्मद अफजल मजोका ने शनिवार को दिन में संक्षिप्त आदेश सुरक्षित रखने की घोषणा की. 

Advertisement

पीटीआई के संस्थापक और बुशरा को साल की शुरुआत में फरवरी में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही दोनों को 500,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. दरअसल, एक ट्रायल कोर्ट ने उनके निकाह को धोखाधड़ी बताया था. असल में बुशरा के पूर्व पति खावर मेनका ने इसके खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी. 

दंपति ने तब खुद को दोषी साबित किए जाने के अदालत के फैसले को चुनौती दी थी और अदालत से अलग-अलग राहत की मांग करते हुए आईएचसी का रुख भी किया था. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अगर खान और उनकी पत्नी किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. फैसले में कहा गया, "मेडिकल बोर्ड के गठन और धार्मिक विद्वानों के साथ परामर्श की मांग वाली दोनों याचिकाएं खारिज की जाती हैं."

Advertisement

अदालत ने जेल में बंद दंपति की रिहाई के आदेश भी जारी कर दिए हैं. बता दें कि इमरान खान पिछले साल अगस्त में तोशाखाना आपराधिक मामले में सजा सुनाए जाने और उसके बाद 8 फरवरी के चुनावों से पहले अन्य मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद से सलाखों के पीछे हैं. 190 मिलियन पाउंड के संदर्भ और तोशखाना सहित अन्य मामलों में राहत हासिल करने और इस महीने की शुरुआत में सिफर मामले में बरी होने के बावजूद, पूर्व प्रधान मंत्री इद्दत मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण सलाखों के पीछे हैं. इद्दत मामले सहित इन चार मामलों के अलावा, पूर्व पीएम किसी अन्य मामले में गिरफ्तार नहीं हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शनिवार के फैसले में खान जेल से बाहर आएंगे या नहीं. 


खान को लाहौर, रावलपिंडी और फैसलाबाद में दर्ज 9 मई के कई मामलों में भी जमानत दी गई है. पिछले महीने, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने खान और बुशरा बीबी की दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, जिला अदालत को सजा को निलंबित करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर 10 दिनों में और दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक महीने में फैसला करने का निर्देश दिया था. आईएचसी के आदेशों के बाद, न्यायाधीश मजोका ने 27 जून को खान और बुशरा की उक्त मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. 10 पेज के आदेश में कोर्ट ने कहा कि सजा निलंबित करने का कोई कारण नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement