Advertisement

मनमोहन सिंह पाक‍िस्‍तान के ज‍िस गाह में जन्‍मे, वहां है 'मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज प्राइमरी स्कूल'

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का निधन हो गया है. डॉक्टर सिंह का जन्म अविभाजित भारत के पाकिस्तान प्रांत के गाह गांव में हुआ था. इस गांव में डॉक्टर सिंह के नाम पर सरकारी स्कूल भी है.

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का निधन पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का निधन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST

देश में आर्थिक उदारीकरण का चेहरा पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह नहीं रहे. 92 साल के मनमोहन सिंह ने नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में गुरुवार की रात आखिरी सांस ली. मनमोहन सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत पक्ष-विपक्ष के तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है.

Advertisement

नेताओं से लेकर आम लोग तक, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से जुड़ी अपनी यादें याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं, उनसे जुड़े किस्से याद किए जा रहे हैं. चर्चा में पाकिस्तान भी है और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का गाह गांव भी जहां मनमोहन सिंह का जन्म हुआ था. अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में 26 सितंबर 1932 को जन्मे मनमोहन सिंह ने कक्षा चार तक की पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल से की थी.

डॉक्टर मनमोहन सिंह 1937 से 1941 के बीच इस प्राइमरी स्कूल के छात्र रहे. विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार अमृतसर आकर बस गया था. इस सरकारी स्कूल का नामकरण पाकिस्तान की सरकार ने बाद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर ही कर दिया था- मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज प्राइमरी स्कूल. इस स्कूल में मनमोहन सिंह के पंजीकरण रिकॉर्ड से लेकर परीक्षाफल तक के रिकॉर्ड आज भी सुरक्षित रखे हुए हैं.

Advertisement
मनमोहन सिंह ने इसी स्कूल से की थी शुरुआती पढ़ाई

इस स्कूल का जिक्र कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने अपनी किताब Scars Of 1947: Real Partition Stories में भी किया है. उन्होंने लिखा है कि एक बार पाकिस्तान दौरे से लौटकर प्रधानमंत्री आवास पर डॉक्टर मनमोहन सिंह के साथ बैठा हुआ था. इस दौरान डॉक्टर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जाने का मन मेरा भी है. उनसे पूछा कि पाकिस्तान में कहां जाना चाहते हैं तो डॉक्टर सिंह का जवाब था अपने गांव.

यह भी पढ़ें: 'मेरी पीढ़ी को सपने देखने की हिम्मत देने के लिए थैंक्यू डॉक्टर साहब...' राजदीप सरदेसाई ने कुछ ऐसे किया मनमोहन सिंह को याद

इस किताब के मुताबिक राजीव शुक्ला ने तब के प्रधानमंत्री से यह पूछा कि क्या आप अपना पैतृक घर देखना चाहते हैं. डॉक्टर सिंह ने राजीव शुक्ला के सवाल के जवाब में कहा था कि नहीं, मेरा घर तो बहुत पहले ही खत्म हो गया था. उस स्कूल को देखना चाहता हूं जहां पर कक्षा चार तक पढ़ाई की थी. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री रहते या उसके बाद, पाकिस्तान नहीं गए और उनकी ये ख्वाहिश अधूरी ही रह गई.

यह भी पढ़ें: मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन को उमड़े लोग, PM मोदी-शाह-नड्डा ने दी श्रद्धांजलि, नीतीश ने स्थगित की प्रगति यात्रा

Advertisement

हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने इस स्कूल का नामकरण जरूर उनके नाम कर दिया और गाह को आदर्श गांव भी घोषित कर दिया गया था. मनमोहन सिंह से जुड़ी यादें, किस्से पाकिस्तान के गाह गांव की गलियों में आज भी जिंदा हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement