
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और उन पर एक विशेष समुदाय या विपक्ष को टारगेट करने के लिए 'नफरती और असंसदीय' भाषण देकर प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कमजोर करने का आरोप लगाया.
मनमोहन सिंह ने यह टिप्पणी अप्रैल में राजस्थान की एक रैली में पीएम मोदी के एक भाषण के संदर्भ में की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश की संपत्ति 'उन लोगों को बांट देगी जिनके ज्यादा बच्चे हैं'.
पंजाब के लोगों को लिखा पत्र
पीएम मोदी ने दावा किया था कि 'मनमोहन सिंह ने अपनी एक टिप्पणी में कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है'. पंजाब के लोगों को लिखे एक पत्र में मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर 'हेट स्पीच' का आरोप लगाया. पंजाब में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होंगे.
'पिछले 10 साल में खत्म हो गई किसानों की आय'
2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के पीएम मोदी के वादे पर निशाना साधते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी नीतियों ने पिछले 10 साल में किसानों की कमाई को खत्म कर दिया है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक आय सिर्फ 27 रुपए प्रति दिन है, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 27,000 रुपए (एनएसएसओ) है. ईंधन और उर्वरक की उच्च लागत, कम से कम 35 कृषि-संबंधित उपकरणों पर जीएसटी और कृषि निर्यात और आयात को लेकर मनमाने ढंग से लिए गए फैसलों ने हमारे किसान परिवारों की बचत को खत्म कर दिया है और उन्हें समाज के हाशिये पर धकेल दिया है.'
अर्थव्यवस्था पर सरकार को घेरा
मनमोहन सिंह ने कहा, 'पिछले 10 साल में देश की अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल देखी गई. नोटबंदी की आपदा, जीएसटी और कोविड-19 के दौरान कुप्रबंधन के परिणामस्वरूप एक दयनीय स्थिति पैदा हो गई है, जहां 6-7 प्रतिशत से कम जीडीपी बढ़ोतरी की उम्मीद अब सामान्य बात हो गई है.' उन्होंने 2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन पर भी केंद्र सरकार की आलोचना की.
'लाठियां और रबर की गोलियां काफी नहीं थीं कि...'
उन्होंने कहा, 'लगभग 750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक इंतजार करते हुए मर गए. लाठियां और रबर की गोलियां काफी नहीं थीं, प्रधानमंत्री ने संसद में 'आंदोलनजीवी' और 'परजीवी' कहकर मौखिक रूप से भी हमारे किसानों पर हमला बोला.' मनमोहन सिंह ने कहा, 'उनकी एकमात्र मांग उनसे सलाह लिए बिना उन पर लगाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेना था. पिछले दस वर्षों में, भाजपा सरकार ने पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.'