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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, उपद्रवियों ने की 4 लोगों की हत्या, इंफाल घाटी में लगा कर्फ्यू

सीएम बीरेन सिंह ने वीडियो संदेश जारी कर लिलोंग के लोगों से शांति बरतने और हिंसा नहीं करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. सीएम ने उपद्रवियों को सरेंडर करने या अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी.

मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद इम्फाल वेस्ट और थौबल जिलों में दोबारा कर्फ्यू लगाना पड़ा. मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद इम्फाल वेस्ट और थौबल जिलों में दोबारा कर्फ्यू लगाना पड़ा.
इंद्रजीत कुंडू
  • इम्फाल,
  • 01 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

मणिपुर में सोमवार शाम को एक बार फिर हिंसा भड़क गई जिसके बाद थौबल और इंफाल वेस्ट जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया. स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार शाम थौबल जिले के लिलोंग इलाके में अज्ञात हथियारबंद बदमाशों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई. लिलोंग में हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई है. मणिपुर पुलिस ने पुष्टि की है. शव अभी तक बरामद नहीं हुए हैं.

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कथित तौर पर हथियारबंद बदमाशों ने नागरिकों पर गोलीबारी की जिसमें कम से कम तीन लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. इंफाल पूर्वी जिले से भी कर्फ्यू में छूट वापस ले ली गई है. अब मणिपुर की इंफाल घाटी में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है. बिष्णुपुर जिले से भी कर्फ्यू में छूट वापस ले ली गई है.

CM ने जारी किया बयान

सीएम एन बीरेन सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से शांति बरतने और कानून अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की. उन्होंने लोगों से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए सहयोग करने को कहा. उन्होंने कहा, 'मैं लिलोंग के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अब और हिंसा न करें. राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए इलाके में और अधिक पुलिस तैनात की जाएगी'. सीएम ने उपद्रवियों को सरेंडर करने या अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी.

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मणिपुर में इस साल 3 मई से भड़की है हिंसा

हमले के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने तीन चारपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया. यह पता नहीं चल सका है कि ये गाड़ियां किसकी थीं. अधिकारियों ने बताया कि ताजा हिंसा के बाद थौबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोग मारे जो चुके हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं. मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा की मांगने के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित करने के बाद से राज्य में हिंसा का दौर शुरू हुआ था.

अरामबाई तेनगोल ग्रुप ने अपनी भूमिका से किया इनकार

इस बीच, विवादास्पद मैतेई समूह अरामबाई तेनगोल, जिस पर अक्सर सशस्त्र हमलों, धमकियों और डराने-धमकाने का आरोप लगाया जाता है, ने सोशल मीडिया पर आज की घटना में अपनी भूमिका से इनकार करते हुए बयान जारी किया है. मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए चेकिंग पोस्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. थौबल और ईस्ट इंफाल जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों ने एरिया डोमिनेंस एक्सरसाइज शुरू कर दी है. एनएच-37 और एनएच-2 पर क्रमशः 224 और 97 वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है. मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों के जिलों में कुल 140 चेकपॉइंट स्थापित किए गए हैं और पुलिस ने राज्य के विभिन्न जिलों में हिंसा के संबंध में 238 लोगों को हिरासत में लिया है.

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