
कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद सुर्खियों में है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को लेकर दिए उनके बयान के बाद सोशल मीडिया पर कॉमेडियन के बहिष्कार की मांग तेज है. लेकिन ये समझना होगा कि कैंसल कल्चर एक दोधारी तलवार है, जिसमें एक दिन आप स्टार होते हैं और अगले ही दिन आपके फैंस आपका वजूद मिटाने की कोशिश करते हैं. यह सबसे अधिक क्रूरता से दक्षिण कोरिया में होता है, जहां सार्वजनिक जांच पड़ताल किसी भी करियर को खत्म कर सकती है और कभी-कभी यह जीवन के लिए खतरा बन सकती है. बॉलीवुड और हॉलीवुड में भी कैंसल कल्चर ने कई सितारों के करियर को खत्म किया है. लेकिन सवाल यह है कि जब किसी को जिम्मेदार ठहराने का तरीका सार्वजनिक फांसी जैसा हो जाता है, तो क्या यह सही है?
दक्षिण कोरिया की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री एक बहुत सख्त सामाजिक अनुबंध के तहत काम करती है, जिसमें सेलेब्रिटी को बेदाग, नैतिक रूप से सही और आलोचना से परे होना चाहिए. एक छोटी सी गलती भी करियर को खत्म कर सकती है. K-पॉप और K-ड्रामा इंडस्ट्री में इमेज कंट्रोल बहुत सख्त होता है और सार्वजनिक गुस्सा किसी भी अभिनेता या आईडल का करियर एक रात में नष्ट कर सकता है.
अभिनेता किम सू-ह्युन, जो "इट्स ओके टू नॉट बी ओके" और "माय लव फ्रॉम द स्टार" के लिए जाने जाते हैं, एक विवाद में फंस गए थे जब किम साए-रॉन के साथ उनके रिश्ते को लेकर आरोप सामने आए. उनके रिश्ते की शुरुआत एक नाबालिग के साथ होने के आरोपों के बाद यह विवाद बढ़ गया. किम सू-ह्युन की एजेंसी ने आरोपों को खारिज किया, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था. उनके इंस्टाग्राम से एक मिलियन फॉलोअर्स कम हो गए, उन पर ऑनलाइन हमला हुआ और प्रादा जैसी कंपनियों ने उनसे करार तोड़ लिया.
किम साए-रॉन को पहले ही DUI मामले में कैंसल कल्चर का सामना करना पड़ा था. कई बार माफी मांगने और सुधारने की कोशिश के बावजूद, सार्वजनिक रूप से उन्हें माफ नहीं किया गया और उन्हें इंडस्ट्री से बाहर कर दिया गया. इस निरंतर प्रतिक्रिया ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला, जिससे यह साफ होता है कि कोरियाई कैंसल कल्चर में अक्सर सुधार की कोई जगह नहीं होती.
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बॉलीवुड में भी बढ़ रहा आक्रोश
हालांकि बॉलीवुड में कैंसल कल्चर उतना तेज़ या निर्दयी नहीं है, लेकिन यह बहुत हद तक मीडिया ट्रायल्स और सार्वजनिक आक्रोश से जुड़ा होता है. रिया चक्रवर्ती का मामला इस बात का उदाहरण है.
2020 में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने राष्ट्रीय चर्चा का रूप लिया, और उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को मीडिया के गुस्से का शिकार बना दिया. भले ही कोर्ट में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था, लेकिन जनता ने उन्हें पहले ही दोषी मान लिया था. ब्रांड्स ने उनसे संबंध तोड़ लिए, उन्हें अभिनय के मौके नहीं मिले और उनकी छवि धूमिल हो गई.
हालांकि सलमान खान ऐसे बॉलीवुड सितारे हैं, जो कैंसल कल्चर से अछूते रहे हैं. कई विवादों में शामिल होने के बावजूद, जैसे कि हिट-एंड-रन केस और काले हिरण के शिकार के आरोप, उनका करियर फिर भी बरकरार है. उनके फैंस हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं और उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल होती हैं.
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अब हॉलीवुड का हाल जान लीजिए
हॉलीवुड में कैंसल कल्चर भी तेज है लेकिन वहां अक्सर वापसी का एक रास्ता होता है. कुछ सितारे जैसे जॉनी डेप और रॉबर्ट डाउनी जूनियर ने विवादों के बावजूद वापसी की है. हॉलीवुड की आइकन, ड्रू बैरीमोर, हाल ही में एक खतरनाक स्थिति का सामना कर रही थीं, जब एक स्टॉकर उनके घर में घुसने की कोशिश कर रहा था. इसी तरह टेलर स्विफ्ट और सैंड्रा बुलॉक को भी अपने फैंस से असामान्य और खतरनाक व्यवहार का सामना करना पड़ा. हॉलीवुड में स्टारडम के साथ एक तरह का भक्ति-समान आदर्श बनता है, जो इन सितारों को असली दुनिया में खतरे में डालता है.
सोशल मीडिया और मानसिक तनाव
कैंसल कल्चर सीधे तौर पर उस अकेलेपन की महामारी से जुड़ा है, जो आजकल के समाज में फैली हुई है. सोशल मीडिया के आने के बाद, कई लोग सेलेब्रिटीज के साथ पर्सासोशल संबंध बनाने लगे हैं, यानी एकतरफा भावनात्मक जुड़ाव, जिसमें फैंस को लगता है कि वे सितारों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. जब ये सितारे उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते, तो फैंस तीव्र विश्वासघात महसूस करते हैं, जिससे गुस्सा और कैंसल कल्चर का जन्म होता है.
ट्विटर, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म ने सितारों और फैंस के बीच नजदीकी का भ्रम पैदा किया है. फैंस को लगता है कि वे अपने पसंदीदा सितारों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, जिससे गलतियों को लेकर अत्यधिक प्रतिक्रियाएं होती हैं. यही वह कारण है, जिससे कैंसल कल्चर और भी ज्यादा निर्दयी हो जाता है.
आगे का रास्ता क्या है?
कैंसल कल्चर का मूल उद्देश्य लोगों को जिम्मेदार ठहराना है. लेकिन यह जिम्मेदारी तय करने और भीड़ की न्याय प्रक्रिया के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है. दक्षिण कोरिया में, सेलेब्रिटीज के लिए कोई भी सुधार का रास्ता नहीं होता. बॉलीवुड में, चयनात्मक आक्रोश ही यह तय करता है कि किसे भुगतना है और किसे नहीं. हॉलीवुड में कैंसल कल्चर का साथ एक खतरनाक प्रकार की सेलिब्रिटी पूजा करती है, जो मानसिक और शारीरिक खतरों को जन्म देती है.